बिना चिकित्सीय परामर्श के दवा बंद करने पर मरीज के जीवन पर बना रहता खतरा
अपने मन से बंद नहीं करें खून पतला करनेवाली दवा। विशेष हृदय जांच शिविर शुरू। 300 मरीजों का हुआ निबंधन। आधुनिक मशीन से जांच व इलाज।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। हृदयम फाउंडेशन यूके एवं भारत की ओर से विशेष हृदय रोग जांच शिविर वरीय हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. बीबी ठाकुर के जूरन छपरा स्थित आवासीय परिसर में शुरू हुआ। इसमें जांच के लिए 300 मरीजों ने निबंधन कराया है। यूके के हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. आशीष ठाकुर ने सलाह दी है कि मरीज खून पतला करने वाली दवा अपने मन से बंद नहीं करें। बिना चिकित्सक के परामर्श के अपने से दवा बंद करने पर मरीज के जीवन पर खतरा रहता है। ठाकुर ने बताया कि अपने राज्य में गरीबी के कारण बहुत से मरीज हृदय की बीमारी का सही तरीके से जांच व इलाज नहीं करा पाते।
इसको देखते हुए हृदयम फाउंडेशन की स्थापना हुई तथा बिहार में गरीब मरीजों को हृदय रोग की शिविर लगाकर बेहतर चिकित्सा तथा आधुनिक मशीन से जांच लगातार की जा रही है। हर छह माह पर वह खुद शिविर में आते हैं तथा हर माह के अंतिम शनिवार को अगर मरीजों को केाई परेशानी हो तो वह आकर संपर्क करते हैं। ऑनलाइन भी मरीजों को चिकित्सीय परामर्श दी जाती है। शिविर में खून पतला करने वाली दवा ले रहे मरीजों का उपचार किया गया। अनियंत्रित हृदय गति एवं हृदय की शल्य क्रिया कराने वाले मरीजों का परीक्षण किया गया।
जांच के क्रम में कुछ ऐसे मरीज मिले जो सलाह के बावजूद अपनी दवा बंद करके आए थे। उनको बताया गया कि दवा छोडऩे के भयंकर परिणाम हो सकते हैं। उनको फिर से सलाह दी गई कि अपनी दवा नियमित रूप से लेते रहें अन्यथा उन्हें लकवा या रक्त वाहिनी संबंधी कठिनाइयां हो सकती हैं। पहले दिन 15 नए मरीजों का निबंधन किया गया और इतने ही वैसे मरीजों को वापस किया गया जो संस्था के मानदंड के अनुसार हृदय रोग से ग्रसित नहीं थे।
10 अप्रैल तक शिविर का आयोजन चलेगा। चिकित्सकीय कार्य डॉ.आशीष कुमार ठाकुर ने तथा इंग्लैंड से आई सोनोग्राफी विशेषज्ञ एमा गोसने ने जांच में सहयोग किया। शिविर में वरीय हृदय रोग विशेषज्ञ डा. बीबी ठाकुर, गिरीश सिन्हा आदि ने सहयोग किया।