कार्मिकों व जनप्रतिनिधियों में डिजिटल साक्षरता जरूरी
प्रत्येक ग्राम पंचायत कार्यालय को डिजिटल उपकरण व कुशल टेक्नीशियन से किया जाए लैस।
मुजफ्फरपुर (जेएनएन)। भारतीय लोक प्रशासन संस्थान, नई दिल्ली की मुजफ्फरपुर शाखा द्वारा गवर्नेस में डिजिटल तकनीक की भूमिका विषय पर संगोष्ठी हुई। अध्यक्षता बीएन मंडल विवि के पूर्व कुलपति प्रो. रिपुसूदन श्रीवास्तव ने की। संस्था के सदस्यों ने अपने-अपने विचार रखे जिनमें मुख्य रूप से नीति-निर्णय के रूप में सुझाव आए। कहा गया कि सर्वप्रथम जनप्रतिनिधियों व कार्मिकों को डिजिटल साक्षरता एवं निपुणता से संपन्न किया जाना चाहिए जो एक समय-सीमा के अंदर में हो। नीतिगत अनुशंसाओं को संस्था के सचिव डॉ. अवधेश कुमार सिंह 27 अक्टूबर को नई दिल्ली में होने वाले राष्ट्रीय सम्मेलन में अपने विचार रखेंगे। मौके पर वरीय शिक्षक डॉ. पंकज कुमार राय, डॉ. हरेंद्र कुमार, सुरेंद्र सिंह, चितरंजन सिन्हा कनक, प्रो. अनिल कुमार ओझा आदि थे। कहा गया कि इंटरनेट की पहुंच दूर-दराज के गांवों तक केबल व सेटेलाइट द्वारा बनाई जानी चाहिए। प्रत्येक ग्राम पंचायत कार्यालय को डिजिटल उपकरण व कुशल टेक्नीशियन से लैस किया जाए। ताकि गांव के लोग भी इंटरनेट की सुविधा का लाभ ले सकें। विद्यालय व महाविद्यालय के पाठ्यक्रम में सूचना एवं संचार प्रणाली को सम्मिलित किया जाना चाहिए। इससे विद्यार्थी ऑनलाइन फॉर्म भरना, फीस देना व परीक्षा देना आदि कार्य आसानी से कर सकें। कार्मिकों के लिए शॉर्ट टर्म कोर्स चलाया जाए। वक्ताओं ने भारत सरकार के डिजिटल इंडिया कार्यक्रम की सराहना की। आज इंटरनेट की सुविधा होने से सभी काम आसानी से हो जाते हैं। पहले हमें जहां किसी काम को करने के लिए घंटों लाइन में लगना पड़ता था। लेकिन अब इंटरनेट की वजह से यह सब आसान हो गया हैं।