चंपारण में जीवंत हो रहीं गांधी की यादें, इलाके को पर्यटन स्थल के रूप में किया जा रहा विकसित
सत्याग्रह शताब्दी वर्ष व बापू की 150वीं वर्षगांठ पर हो रहे कई कार्य, राष्ट्रीय राजमार्ग पर बापू के स्थल को चिन्हित करने वाले होर्डिंग लगे।
मोतिहारी, [संजय कुमार उपाध्याय]। चंपारण सत्याग्रह शताब्दी और बापू की 150वीं वर्षगांठ पर चंपारण में महात्मा गांधी की स्मृतियों को सहेजते हुए इस इलाके को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा रहा। केंद्र व राज्य सरकार ने गांधी की चंपारण यात्रा से जुड़े स्थलों के विकास की कवायद की है। इसके तहत यहां थीम पार्क बनाया जा रहा। सत्याग्रह आंदोलन की जननी बापूधाम चंद्रहिया गांव को पर्यटन स्थल के तौर पर विकसित किया जा रहा। गांधी संग्रहालय, सत्याग्रह पार्क और चरखा पार्क समेत कई ऐसे स्थल विकसित किए गए हैं, जो पर्यटकों को आकर्षित कर रहे।
मोतिहारी स्टेशन को रंगा गया बापू के सत्याग्रह आंदोलन के रंग में
बापूधाम मोतिहारी स्टेशन को बापू के सत्याग्रह आंदोलन के रंग में रंगा गया है। यहां से निकलने के साथ शहर के मध्य स्थित गांधी संग्रहालय में पार्क व हॉल आदि का विकास किया गया है। इसी के सामने चरखा पार्क बनाया गया है, जहां बापू का बड़ा चरखा लगा है। शहर के रमना मोहल्ले में सत्याग्रह पार्क विकसित किया गया है। यहां जाने के साथ लगता है कि शहर के कोलाहल से दूर दूसरी दुनिया में आ गए हैं। शहर से करीब नौ किलोमीटर की दूरी पर स्थित सत्याग्रह आंदोलन की जननी के तौर पर विख्यात चंद्रहिया को बापूधाम चंद्रहिया में बदला गया है।
यहां सत्याग्रह थीम पार्क, म्यूजियम, लाइब्रेरी, अतिथि गृह व अन्य का विकास हो रहा है। इसके अतिरिक्त चंपारण में जहां-जहां बापू गए, उन जगहों पर इनसिग्निया लगाया जा रहा है। स्थानीय गांधी संग्रहालय के पूर्व सचिव चंद्रभूषण पांडेय बताते हैं कि पिछले पांच दशक में ऐसा बदलाव नहीं हुआ था। इसका प्रभाव है कि बाहरी पर्यटक लगातार आ रहे हैं। वह दिन दूर नहीं जब यह क्षेत्र पर्यटन का हब बनेगा। गांधी सर्किट योजना के तहत 44 करोड़ गांधी से संबंधित स्थलों के विकास पर खर्च किए जा रहे हैं। बिहार सरकार के पर्यटन मंत्री प्रमोद कुमार ने कहा कि एनएच व अन्य मार्गों पर बापू से जुड़े स्थलों की सूचनाएं प्रसारित कराई जा रही हैं। यह बापू के स्थलों के विकास के साथ पर्यटन को मजबूती मिलेगी।