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गांधी ही विकल्प विषय पर राज्यसभा के उपसभापति ने दिया व्याख्यान, बोले- विकल्पहीन रास्ते पर खड़ा है समाज Darbhanga News

LNMU के जुबली हाल में आयोजित गांधी ही विकल्प विषय पर राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने व्‍याख्‍यान किया। कहा- गांधी के विकास मॉडल में गुलामी के लिए नहीं थी कोई जगह।

By Murari KumarEdited By: Published: Mon, 23 Dec 2019 10:39 PM (IST)Updated: Mon, 23 Dec 2019 10:39 PM (IST)
गांधी ही विकल्प विषय पर राज्यसभा के उपसभापति ने दिया व्याख्यान, बोले- विकल्पहीन रास्ते पर खड़ा है समाज Darbhanga News
गांधी ही विकल्प विषय पर राज्यसभा के उपसभापति ने दिया व्याख्यान, बोले- विकल्पहीन रास्ते पर खड़ा है समाज Darbhanga News

दरभंगा, जेएनएन। राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने कहा कि समाज विकल्पहीन रास्ते पर खड़ा है। सब कुछ सरकार ही नहीं कर सकती है। लोगों को आगे बढ़ कर समाज के लिए कुछ करना चाहिए। विकल्पहीनता से निकलने के लिए महात्मा गांधी का जीवन दर्शन हर युग में प्रासंगिक रहेगा। गांधी के विकास मॉडल में गुलामी के लिए कोई स्थान नहीं था। उनके सिद्धांतों पर चलकर भारत समेत दुनिया के कई देश गुलामी से मुक्त हुए। 

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वे सोमवार को इसमाद फाउंडेशन की ओर से लवनामिव के जुबली हाल में आयोजित आचार्य रमानाथ झा हेरिटेज सीरीज के तहत गांधी ही विकल्पÓपर विष्णुकांत झा समृति व्याख्यान दे रहे थे। 

उन्होंने महान वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंस की चर्चा की। कहा कि वे एक वैज्ञानिक होते हुए भी गांधी जी के मानवता के सिद्धांतों के तहत जनसंख्या वृद्धि, जल संकट, जलवायु परिवर्तन और बीमारियों के इलाज के लिए मिलजुल कर काम करने पर जोर दिया। स्टीफन हॉकिंस ने कहा था कि हमारे पास दुनिया को नष्ट करने के लिए हथियार तो हैं, लेकिन विश्वव्यापी समस्याओं से निपटने के कोई उपाय नहीं। उन्होंने इससे बचने के उपाय भी बताए। 

हरिवंश ने कहा कि आज दुनिया में 720 करोड़ लोग रह रहे हैं। जबकि, धरती की प्राकृतिक संपदा महज 200 करोड़ लोगों के लिए ही सीमित है। भारत की आबादी 2030 में 130 करोड़ होगी। जबकि, हमारे पास दुनिया का महज 2.1 प्रतिशत भूभाग है। आबादी के अनुसार, फिलहाल हम दुनिया की 17 प्रतिशत आबादी हैं। अनुमान के अनुसार पानी, पेट्रोल, कोयला जैसे संसाधन महज 47 साल तक चलेंगे। ऐसे में बढ़ती आबादी के लिए खाद्यान्न और अन्य संसाधन कहां से आएंगे। 

गांधी ने ब्रिटेन के विकास मॉडल को कर दिया था खारिज

हरिवंश ने कहा कि महात्मा गांधी ने विकास के जिस मॉडल की कल्पना की थी, उसमें भौतिक विकास से ज्यादा मानसिक शांति पर जोर था। देश जब आजाद हुआ तो गांधी से पत्रकारों ने पूछा था कि भारत को विकास के ब्रिटेन मॉडल पर चलाना है या कोई दूसरा मॉडल होगा। तब गांधी ने ब्रिटेन के विकास मॉडल को खारि•ा कर दिया था। गांधी जी ने कहा था कि आज ब्रिटेन की आबादी महज एक करोड़ है। उसने दुनिया के कई देशों को गुलाम बनाकर वहां के संसाधन छीन लिए।

 भारत की आबादी आबादी के समय 30 करोड़ थी, अगर भारत ब्रिटेन के विकास मॉडल पर चलेगा तो उसे देशों नहीं बल्कि ग्रहों और आकाशगंगाओं तक को गुलाम बनाना होगा। भारत का विकास मॉडल वह है, जिसमें गांवों में लोग खेती करें, पशुपालन करें, सहकारिता को अपनाएं। शहरों में औद्योगीकरण किसी का हक मारकर न हो। गांधी जी ने 1928 में कहा था कि आधुनिक सभ्यता का विशेष चरित्र इच्छाओं का अनंत बहुतायत है। आज की वैज्ञानिक दुनिया को प्रकृति की ओर वापस लौटने को कह रहे हैं। वे भले ही गांधी जी को नहीं जानते हों, लेकिन गांधी जी बहुत पहले सावधान कर गए, उसी को बता रहे हैं। कहा कि आज विचार नहीं, बल्कि दुनिया को तकनीक बदल रही है। यह ठीक नहीं है। कहा कि 

 दरभंगा में इतिहास की बहुत सी धरोहरें हैं। यहां के कल्याणी फाउंडेशन की लाइब्रेरी में ज्ञान का खजाना भरा पड़ा है। इससे नई पीढ़ी को सीखना चाहिए। 


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