Bihar Board Matriculation Exam 2020 : डीईओ का दावा, हड़ताली शिक्षकों से मैट्रिक परीक्षा संचालन पर असर नहीं
वीक्षण कार्य के लिए आवश्यकता से दोगुने शिक्षक उपलब्ध होने का डीईओ का दावा। जरूरत पड़ी तो ट्रेनिंग कॉलेजों से प्रशिक्षु शिक्षक तालिमी मरकज और टोला सेवक से लिया जाएगा कार्य।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। 17 फरवरी से शुरू होने वाली मैट्रिक परीक्षा शांतिपूर्ण संपन्न कराने के लिए शिक्षा विभाग ने अपनी तैयारी मुकम्मल कर लेने की बात कही है। डीईओ डॉ. विमल कुमार ठाकुर का कहना है कि हड़ताली शिक्षकों से मैट्रिक परीक्षा संचालन पर असर नहीं पड़ेगा। जरूरत से दोगुने शिक्षक उपलब्ध हैं। 14 फरवरी तक सभी शिक्षकों की सूची जिला मुख्यालय को उपलब्ध हो जाएगी।
उन्होंने कहा कि 2500 नियोजित एवं नियमित शिक्षक, 2000 प्रांरभिक विद्यालयों के नियमित शिक्षक, 1500 ट्रेनिंग कॉलेज के प्रशिक्षु शिक्षक (बीईएड, डीएलएड) एवं 500 की संख्या में तालिमी मरकज और टोला सेवकों से कार्य लिया जाएगा। इधर डीपीओ स्थापना अब्दुस्सलाम अंसारी ने कहा कि एक केंद्र पर 50 शिक्षकों की जरूरत है और हमारे पास साढ़े छह हजार शिक्षक हैं, जबकि 3150 शिक्षकों की ही जरूरत है।
केंद्राधीक्षकों को दी गई मैट्रिक परीक्षा की सामग्री
गोला रोड स्थित डीएन हाईस्कूल में रविवार को मैट्रिक परीक्षा की तैयारी को लेकर बैठक का आयोजन किया गया। 63 केंद्रों के सभी केंद्राधीक्षक मौजूद थे। बैठक के बाद केंद्राधीक्षकों के बीच लिफाफा, रॉल शीट, ओएमआर पैक आदि का वितरण किया गया।
बैठक की अध्यक्षता करते हुए जिला शिक्षा पदाधिकारी डॉ. विमल कुमार ठाकुर ने जब केंद्राधीक्षकों से राय ली तो 10 फीसद केंद्रों पर बेंच-डेस्क की कमी होने की जानकारी दी गई। इसमें प्राइवेट स्कूलों की समस्याएं अधिक थीं। केंद्रों पर सीसीटीवी कैमरे, पीने का पानी आदि दुरुस्त रखने को कहा गया।
डीईओ ने बेंच-डेस्क की कमी वाले विद्यालयों में सरकारी विद्यालयों से आपूर्ति कराने को कहा। बैठक में डीईओ के अलावा जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, स्थापना अब्दुस सलाम अंसारी, लेखा एवं योजना पदाधिकारी नासिर हुसैन सहित 63 केंद्र के सभी केंद्राधीक्षक मौजूद थे।