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एईएस से एक बच्चे की मौत, छह का चल रहा इलाज

गर्मी के कहर के बीच एसकेएमसीएच में इलाजरत एईएस पीड़ित सकरा की सात वर्षीय शिवानी कुमारी की मौत हो गई।

By JagranEdited By: Published: Sat, 24 Jul 2021 01:58 AM (IST)Updated: Sat, 24 Jul 2021 01:58 AM (IST)
एईएस से एक बच्चे की मौत, छह का चल रहा इलाज
एईएस से एक बच्चे की मौत, छह का चल रहा इलाज

मुजफ्फरपुर : गर्मी के कहर के बीच एसकेएमसीएच में इलाजरत एईएस पीड़ित सकरा की सात वर्षीय शिवानी कुमारी की मौत हो गई। इसके साथ ही इस साल मरने वाले की संख्या 11 हो गई है। जिले में इस वर्ष अब तक 25 बच्चे एईएस से पीड़ित हो चुके हैं। शिवानी के पिता ने बताया कि 15 जुलाई को बच्ची को बुखार आया था। इसके बाद गांव की ही दुकान से बुखार की दवा लेकर दी। इसके बाद बुखार उतर गया, लेकिन 19 जुलाई को अचानक तबीयत बिगड़ने के बाद लेकर एसकेएमसीएच आए। यहां पर इलाज हो रहा था जहां शुक्रवार को उसकी मौत हो गई। बताया कि उसके गांव में एईएस को लेकर प्रचार-प्रसार नहीं हो रहा है। पीकू वार्ड में मोतीपुर की एक बच्ची को चमकी के लक्षण पर भर्ती कराया गया। इसके साथ वार्ड में छह बच्चों का इलाज चल रहा है। एसकेएमसीएच के शिशु रोग विभागाध्यक्ष डा.गोपाल शंकर सहनी ने बताया कि एसकेएमसीएच में अबतक अलग-अलग जिले के 51 बच्चे आकर भर्ती हुए। इलाज के दौरान मरने वाले बच्चों में दो बच्चे मुजफ्फरपुर के पारू के और एक सकरा की बच्ची है। वहीं सीतामढ़ी से दो, बेतिया से एक, मोतिहारी से दो, शिवहर से दो और वैशाली के एक बच्चे की मौत इलाज के दौरान हो गई।

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इस सप्ताह आए सबसे ज्यादा मरीज

डा.सहनी ने बताया कि एसकेएमसीएच में 17 जुलाई को चमकी बुखार के लक्षण वाले छह मरीज, 18 जुलाई को चार मरीज , 19 जुलाई को दो मरीज और 20 और 21 जुलाई को तीन बच्चे और 22 जुलाई को एक मरीज को भर्ती किया गया इधर जिस दिन तापमान 30 से 35 व नमी 70 से 80 फीसद के बीच रहती उस दिन बीमारी के मरीज आते हैं।

पारू में सबसे ज्यादा मरीज आए

एईएस के सबसे ज्यादा पारू- 4, मीनापुर-3, मोतीपुर-1, सरैया-1, बोचहां-1 शहर-2, सकरा-3, मनियारी-1, हथौड़ी-1, झपहां-1

बैजलपुर-1, अहियापुर-2, साहेबगंज-1 मरीज इलाज के लिए एसकेएमसीएच आए।

2019 में रहा एईएस का कहर साल---मरीज-----मौत

2017- 44 - 18

2018- 43 - 12

2019- 485 - 142

2020- 90 -15

2020- 51 - 11

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कोट

एईएस को लेकर जागरूकता चल रहा है। बच्चे को खाली पेट न सोने दें। तेज बुखार व चमकी हो तो सीधे लेकर सरकारी अस्पताल आएं। ओझा-गुनी के चक्कर में नहीं रहना चाहिए।

डा.विनय कुमार शर्मा

सिविल सर्जन


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