दरभंगा राजघराने की बहू राजकिशोरी पंचतत्व में हुईं विलीन, नम आंखों से लोगों ने दी विदाई
Darbhanga royal family राजघराने की परंपरा के अनुरूप शहर के माधेश्वर मंदिर में हुआ अंतिम संस्कार। महेशनारायण झा उर्र्फ मोहन झा ने दी मुखाग्नि।
दरभंगा, जेएनएन। दरभंगा राजघराने की बहू कुमारी राजकिशोरी मंगलवार को पंचतत्व में विलीन हो गईं। नम आंखों से लोगों ने उन्हें विदाई दी। महाराज कामेश्वर सिंह के भतीजे युवराज जीवेश्वर सिंह की पत्नी राजकिशोरी का निधन सोमवार को लहेरियासराय के बलभद्रपुर स्थित आवास पर हो गया। शुरू से पुत्रवत उनकी देखरेख कर रहे महेशनारायण झा उर्फ मोहन झा की सूचना पर दोनों पुत्रियां कात्यायनी और देव्यायनी ने पुत्र के साथ पहुंचकर राजकिशोरी के अंतिम दर्शन किए। सुबह राज परिवार की परंपरा के अनुरूप शवयात्रा उनके आवास से निकलकर शहर के माधेश्वर मंदिर परिसर में पहुंची। यहां युवराज जीवेश्वर सिंह के अंतिम संस्कार स्थल के बगल में चिता सजाई गई। उन्हें महेशनारायण झा उर्र्फ मोहन झा ने मुखाग्नि दी। मौके पर रानी के नाती अमित उर्र्फ अप्पू समेत स्वजन और शहर के लोग मौजूद रहे।
गौरतलब है कि 30 जनवरी 1948 को राजकिशोरी को महाराज कामेश्वर सिंह ने अपनी बहू बनाया था। उन्होंने अपने भाई राजा बहादुर विशेश्वर सिंह के बड़े पुत्र युवराज जीवेश्वर सिंह से ब्याह कराया था। तब से अबतक रानी ने राज परिवार की परंपरा का निर्वहन किया। उनके निधन के बाद शोक का माहौल है।