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धर्म संसद: अब सभी सनातनी बांट सकेंगे पर्वो की खुशियां एक साथ, 14 पर्वो की तिथि जारी

चाणक्य विद्यापति सोसाइटी ने धर्म संसद संवाद में की सनातन धर्म के 14 पर्वों की तिथि तय, सभी पंचांगकारों की बनी सहमति। बहुत जल्द जारी होगा कैलेंडर।

By Ajit KumarEdited By: Published: Sat, 12 Jan 2019 06:54 PM (IST)Updated: Sat, 12 Jan 2019 06:54 PM (IST)
धर्म संसद: अब सभी सनातनी बांट सकेंगे पर्वो की खुशियां एक साथ, 14 पर्वो की तिथि जारी
धर्म संसद: अब सभी सनातनी बांट सकेंगे पर्वो की खुशियां एक साथ, 14 पर्वो की तिथि जारी

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। देर से ही सही, मगर चाणक्य विद्यापति सोसाइटी का प्रयास रंग लाया। इनके द्वारा पिछले माह बाबा गरीबनाथ मंदिर में बुलाए गए धर्म संसद में 14 पर्वों की एकरूपता पर सभी पंचांगकारों की सहमति बनने के बाद तिथि भी घोषित हो गई। शनिवार को कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति सह विश्वविद्यालय पंचांग के प्रधान संपादक पं.रामचंद्र झा ने यहां चतुर्भुज स्थान मंदिर में विधिवत सभी 14 पर्वों की तिथि की घोषणा कर दी।
 उन्होंने सोसाइटी की ओर से देश के विभिन्न क्षेत्रों से सम्मानित विद्वान, पुरोहितों, कर्मकांड के जानकार और पंचांग निर्माताओं को एक मंच पर लाकर महत्वपूर्ण पर्व-त्योहारों के आपसी विरोधाभाषों को खत्म कर एक ही तिथि पर मनाने के लिए की गई पहल को सराहनीय बताया। सोसाइटी सह धर्म संसद के अध्यक्ष पंडित विनय पाठक ने बताया कि आने वाले समय सभी पंचांगों में एकरूपता हो, इसके लिए भी पहल की जाएगी।
 इन 14 पर्वों को लेकर बहुत जल्द सोसाइटी की ओर से एक कैलेंडर जारी किया जाएगा। इसे जन-जन तक पहुंचाने का प्रयास भी होगा। धर्म संसद के संयोजक जाने-माने ज्योतिषी सह धर्मगुरु पंडित कमलापति त्रिपाठी ने कहा कि यह संस्था सनातन धर्म के संरक्षण, संवद्र्धन और संस्कारों की रक्षा के लिए कटिबद्ध है। सभी सनातन धर्मावलंबी महत्वपूर्ण पर्व-त्योहारों को एक साथ मनाकर आपस में खुशियां बांट सकें, इसके लिए यह पहल की गई।
सनातन धर्म के विविध संस्कारों के निर्धारण को पंचांग ही सर्वमान्य
चाणक्य विद्यापति सोसाइटी के संरक्षक पं.शंभूनाथ चौबे ने कहा कि सनातन धर्मावलंबियों के लिए अपने दैनिक संस्कार, आध्यात्म, पूजा-पाठ व सोलह संस्कार आदि के निर्धारण के लिए पंचांग ही एकमात्र सर्वमान्य निराकरण ग्रन्थ है। अब कुंभ में शंकराचार्यों से भी इन 14 महत्वपूर्ण पर्व-त्योहारों की एकरूपता पर सहमति बनाने का कार्य किया जाएगा।
 आगे अन्य पर्वों में भी एकरूपता हो, इसके लिए भी सोसाइटी पहल करेगी। मौके पर पं.अभय कुमार चौधरी, महंत नवल किशोर मिश्र, महंत संजय ओझा, आचार्य गौतम पांडेय, प्रो.शशिकांत पाठक, पं.अजयानंद झा, स्नेह कुमार झा उर्फ 'पिंकूÓ, पं.सुनील मिश्र, पं.प्रवीण झा, पं.राघवेंद्र मिश्र, पं.नवीन झा, पं.अमित झा, आचार्य अमित तिवारी, पं.सत्येंद्र ठाकुर, शिबू पाठक, अमन चौधरी, हरिशंकर पाठक, मुन्ना रफी आदि भी थे।
प्रमुख पर्व-त्योहार व तिथि
पर्वों के नाम              हिंदी तिथि                     अंग्रेजी तिथि

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