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दारोगा संजय गौड़ की पत्नी ने कहा, मेरे पति की साजिशन हुई हत्या

दिवंगत दारोगा संजय गौड़ की पत्नी ने ऐन वक्त पर बयान देकर पुलिस महकमे में एक नया भुचाल ला दिया है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 19 Apr 2018 01:43 PM (IST)Updated: Thu, 19 Apr 2018 01:43 PM (IST)
दारोगा संजय गौड़ की पत्नी ने कहा, मेरे पति की साजिशन हुई हत्या

मुजफ्फरपुर। दिवंगत दारोगा संजय गौड़ की पत्नी ने ऐन वक्त पर बयान देकर पुलिस महकमे में एक नया भुचाल ला दिया है। एक निजी चैनल को दिए साक्षात्कार में उन्होंने कहा कि मेरे पति की आत्महत्या नहीं हत्या हुई है। साजिश के तहत उनके ही थाने में उनकी हत्या की गई है। थानाध्यक्ष के पोस्टिंग के लिए एसएसपी विवेक कुमार के द्वारा मोटी रकम की मांगा किया गया था। पूरी राशि नहीं देने के बाद एक दिन के लिए गायघाट का थानेदार बनाकर उन्हें हटा दिया गया। इसके बाद पानापुर ओपी में उन्हें कनीय दारोगा के रूप में तैनात कर दिया गया। इसी दौरान उनके साथ यह घटना हुई। दिवंगत दारोगा की पत्नी का इस समय में यह बयान आइपीएस अधिकारी विवेक कुमार की परेशानी बढ़ा दिया है। मामले में सरकार के आदेश पर सीआइडी की टीम जांच कर रही है। जांच टीम अब तक कोई निष्कर्ष पर नहीं पहुंची है। सरकार से वह इंसाफ की गुहार लगा रही है।

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बता दें कि जुलाई 2017 में पानापुर (कांटी) ओपी में तैनात दारोगा संजय कुमार गौड़ ने साथी के सर्विस रिवाल्वर से खुद को गोली मारकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली थी। साथी दारोगा मो. हारुण के सरकारी रिवाल्वर से उनके कमरे में ही अपने सिर में गोली मारने की बात सामने आई थी। घटना से चंद मिनट पूर्व ही हारुण सरकारी रिवाल्वर अपने कमरे में बिछाबन पर रखकर बाथरूम गए थे। इस बीच गोली की आवाज सुनने के बाद वे बाहर निकले। उनके साथ ओपी परिसर में कर्मियों व पड़ोस के लोगों की भीड़ जुटी। फौरन उन्हें इलाज के लिए ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

कभी शान से जीते थे, आज हाथ पसारना पड़ रहा हाथ : मूल रूप से संजय सिवान जिले के दरौली के रहने वाले थे। 2009 में दारोगा में बहाल हुए थे। उनकी पत्नी कल्याणी का कहना है कि कभी शान से जीते थे। लेकिन आज सभी के सामने हाथ पसारना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि जो मेरे पति की हत्या करवा सकता है। क्या वह मेरे बच्चों व हमको छोड़ेगा। इसलिए डर के कारण हमने अपने बच्चों की खातिर समझौता किया। अभी तक हमको अनुकंपा के तहत नौकरी नहीं मिला है। पेंशन नहीं मिल रहा है। इन सभी कारणों के कारण हम सड़क पर आ गए है।


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