दरभंगा में दुष्कर्म के दोषी को 20 वर्ष की सजा, पूरा मामला जानकर चौक जाएंगे
दुष्कर्म मामले में पाक्सो एक्ट के विशेष न्यायाधीश विनय शंकर की अदालत ने सुनाई सजा सात जनवरी को घोषित किया गया था दोषी पटना उच्च न्यायालय के आदेश पर दोबारा चलाए गए ट्रायल में भी साबित हुआ अपराध।
दरभंगा, जासं। नाबालिग बच्ची से दुष्कर्म मामले में दोषी व बहेड़ा थानाक्षेत्र के बेनीपुर निवासी इब्राहिम कूजरा को 20 वर्ष सश्रम कारावास और 15 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई गई है। पाक्सो एक्ट के विशेष न्यायाधीश विनय शंकर की अदालत ने दफा 376 भादवि में 20 वर्ष सश्रम कारावास और 10 हजार रुपये अर्थदंड, एससी-एसटी एक्ट में एक वर्ष का सश्रम कारावास और पांच हजार रुपये अर्थदंड एवं भादवि की धारा 323 में छह माह की सजा सुनाई है। स्पेशल पीपी विजय कुमार पराजित ने बताया कि 30 जूलाई 2014 को बहेड़ा थानाक्षेत्र में शौच के लिए गई 15 वर्षीय बच्ची के साथ दुष्कर्म की घटना घटी थी।
इधर, कोर्ट ने पीड़िता को पीड़ित प्रतिकर योजना से पांच लाख रुपये भुगतान करने का आदेश पारित किया है। बता दें कि पटना उच्च न्यायालय के आदेशानुसार इस मामले का दुबारा ट्रायल चलाया गया है। इससे पूर्व चलाए गए ट्राइल में दोषी इब्राहिम कूजरा को भादवि की धारा 376 में आठ वर्ष का सश्रम कारावास और पांच हजार रुपये की अर्थदंड सहित पाक्सो एक्ट में सात वर्ष का सश्रम कारावास और पांच हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई गई थी। लेकिन, अदालत के फैसले के विरुद्ध अभियुक्त ने पटना उच्च न्यायालय में अपील दायर किया। इसमें पटना उच्च न्यायालय ने 11 सितंबर 2019 को निचली अदालत के निर्णय को निरस्त करते हुए इस मामले का पुनः विचारण करने का आदेश दिया। इसी परिप्रेक्ष्य में सात दिसंबर 2019 को अभियुक्त के विरुद्ध आरोप गठन कर मामले का पुनः विचारण शुरू की गई। जिसमें सात जनवरी 2022 को इब्राहिम कूजरा दोषी घोषित किया गया।पाक्सो एक्ट के छह पीड़ितों को मिली अनुदान राशि
दरभंगा, संस : जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह जिला विधिक सेवा प्राधिकार का अध्यक्ष रूद्र प्रकाश मिश्रा ने सोमवार को पाक्सो एक्ट से संबंधित छह पीड़ितों को पीड़ित प्रतिकर अनुदान की राशि मुहैया कराई। सभी को क्रिमिनल इंज्यूरी कंपनसेशन के तहत राशि दी गई। मौके पर प्राधिकार के सचिव सह अपर सत्र न्यायाधीश जावेद आलम भी उपस्थित थे। क्रिमिनल इंज्यूरी कंपनसेशन बोर्ड की बैठक के पश्चात पीड़ितों को स्वीकृत प्रतिकर की राशि चेक के माध्यम से दी गई।