दरभंगा महाराजाधिराज लक्ष्मीश्वर सिंह संग्रहालय आम लोगों के लिए खुला, आप इस तरह पा सकेंगे प्रवेश
राज्य सरकार के कला संस्कृति एवं युवा विभाग के संग्रहालय निदेशालय के निर्देशानुसार संग्रहालय में जन साधारण के प्रवेश एवं परिभ्रमण के लिए कोविड -19 के मानक व दिशा निर्देशों का अनुपालन करना आवश्यक है। संग्रहालय परिभ्रमण के समय मास्क लगाना सभी दर्शकों एवं कर्मचारियों के लिए आवश्यक है।
दरभंगा, जेएनएन। महाराजाधिराज लक्ष्मीश्वर सिंह संग्रहालय मंगलवार से आम दर्शकों को लिए खोल दिया गया। राज्य सरकार के कला संस्कृति एवं युवा विभाग के संग्रहालय निदेशालय के निर्देशानुसार संग्रहालय में जन साधारण के प्रवेश एवं परिभ्रमण के लिए कोविड -19 के मानक व दिशा निर्देशों का अनुपालन करना आवश्यक है। संग्रहालय परिभ्रमण के समय मास्क लगाना सभी दर्शकों एवं कर्मचारियों के लिए आवश्यक है। दो गज दूरी के नियमों का पालन करना एवं सैनिटाइजर का प्रयोग करना आवश्यक माना गया है। बता दें कि कोरोना महामारी के चलते विगत अप्रैल महीने से ही आम दर्शकों के लिए संग्रहालय को बंद रखा गया था। लॉकडाउन में सरकार द्वारा छूट देने के बाद से प्रतिदिन दर्शकों का दबाव बढऩे लगा था। संग्रहालय बंद होने के बाद से निराश हो दर्शक लौट जाते थे। जाड़े के समय संग्रहालय को देखने अधिक लोग आते हैं। बच्चों की संख्या ज्यादा रहती है। संग्रहालय खोलने की सूचना पाकर दर्शकों का आगमन शुरू हो गया है तथा उनमें विशेष खुशी देखा जा रहा है।
कई मूर्तियों के संग्रह को रखा गया
आठ महीने बंदी के बाद एक नए लुक में आज संग्रहालय खोला गया। एक नया दीर्घा प्रवेशद्वार पर ही दर्शकों के लिए तैयार किया गया है। इस दीर्घा में हाल के दिनों में की कई मूर्तियों के संग्रह को रखा गया है। दर्शक इसे केवल देख सके छू नहीं सके इसके लिए नई बैरिकेडिंग की गई है। इसी तरह दिग्घी पोखर के पूर्वी किनारे पर मानसरोवर भवन के सामने रखी गई बुद्ध की मूर्ति एवं अभिलेख युक्त अलंकृत स्तंभ की भी बैरिकेडिंग की गई है।
महाराजाधिराज रामेश्वर सिंह का राजसिंहासन जो दुर्लभ एवं अमूल्य धरोहर है को भी आगंतुकों के अवलोकन के लिए भी खोल दिया गया है लेकिन दर्शकों को दूर से ही देखने के लिए बैरिकेङ्क्षडग की गई है। इनके अलावा बंदी के समय में अनेक कलावस्तुओं के संरक्षण कराए गए हैं, उन्हें भी दीर्घाओं में स्थान दिया गया है। भारत सरकार के संरक्षण विषय के सबसे प्रतिष्ठित संस्थान एन आर एल सी, लखनऊ द्वारा अबतक पचास दुर्लभ कलावस्तुओं के संरक्षण कार्य पूरा कर लिया गया है और दीर्घा में प्रर्दशित किया गया है। संग्रहालयाध्यक्ष डॉ शिव कुमार मिश्र ने बताया कि कोरोना महामारी को देखते हुए दर्शकों को किसी भी वस्तु को छूने के लिए प्रतिबंधित किया गया है।