Darbhanga Airport News: अब कैंपस में महाराजा कामेश्वर सिंह की प्रतिमा लगाने की चल रही तैयारी
एयरपोर्ट का नाम महाकवि विद्यापति के नाम पर रखने के लिए बिहार सरकार की ओर से संकल्प पारित कर नागरिक उड्डयन मंत्रालय को भेज दिया गया है। अब सरकार के स्तर पर एयरपोर्ट परिसर में महाराजा की प्रतिमा लगाने का प्रयास जारी है। प्रस्ताव पास होते ही प्रतिमा लगाई जाएगी।
दरभंगा, जासं। जल संसाधन और सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री संजय झा ने कहा कि मिथिला के लोग जैसे महाकवि विद्यापति को कभी नहीं भूल सकते, वैसे ही मिथिलांचल के विकास की नींव रखने में महाराजाधिराज कामेश्वर सिंह के योगदान को कभी नहीं भुलाया जा सकता। दरभंगा एयरपोर्ट का नाम महाकवि विद्यापति के नाम पर रखने के लिए बिहार सरकार की ओर से संकल्प पारित कर इसे नागरिक उड्डयन मंत्रालय को भेज दिया गया है। अब सरकार के स्तर पर एयरपोर्ट परिसर में महाराजा की प्रतिमा लगाने का प्रयास जारी है। प्रस्ताव पास होते ही प्रतिमा लगाई जाएगी।
वे शुक्रवार को स्थानीय एमएलएसएम कॉलेज में विद्यापति सेवा संस्थान के तत्वावधान में आयोजित सम्मान समारोह को संबोधित कर रहे थे। कहा कि नवंबर 2018 में जब एयरपोर्ट का कार्यारंभ हुआ, उसी वक्त मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विद्यापति एयरपोर्ट नाम रखने की वकालत की थी। एयर कनेक्टिविटी के बाद मिथिला में इकोनॉमी रिफॉर्म की आवश्यकता है। हवाई जहाज से केवल सफर नहीं किया जाता, बल्कि एयर कनेक्टिविटी होने से उस क्षेत्र का आमूल परिवर्तन सुनिश्चित हो जाता है। बिहार में सड़कों का जाल बिछ चुका है। 20-22 घंटे गांवों में बिजली रहती है। आने वाले दिनों में दरभंगा में अमेटी विवि की शाखा की शुरुआत हो सकती है। अमेटी विवि के चैयरमेन से बात हुई है। बाढ़ के स्थाई निदान का प्रयास जारी है। तीन-चार वर्षों में बाढ़ की विभीषिका को काफी हद तक कम कर लिया जाएगा। विभाग बाढ़ से प्रतिवर्ष होने वाले नुकसान की भी समीक्षा कर रहा है। विस की घटना का जिक्र करते कहा कि नए पुलिस बिल को कम से कम जरूर पढ़ लेना चाहिए था। कहा कि प्राथमिक कक्षा तक की पढ़ाई मैथिली भाषा में होने की स्वीकृति मिल चुकी है।
समारोह को ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सुरेंद्र प्रताप सिंह, विधान पार्षद घनश्याम ठाकुर, पीजी ङ्क्षहदी विभाग के सेवानिवृत्त अध्यक्ष डॉ. प्रभाकर पाठक ने भी संबोधित किया। इससे पूर्व मंत्री संजय झा व विधान पार्षद घनश्याम ठाकुर को मिथिला विभूति सम्मान से नवाजा गया। साथ ही महाविद्यालय की पत्रिका प्रतिङ्क्षबब और मणिकांत झा की लिखी पुस्तक लॉकडाउनमणि का विमोचन किया गया। मौके पर कॉलेज के प्राचार्य प्रो. विद्यानाथ झा, मैथिली अकादमी के पूर्व अध्यक्ष पंडित कमलाकांत झा, डॉ. बैद्यनाथ चौधरी बैजू आदि थे।