Move to Jagran APP

उत्तर बिहार में रंगीन सब्जियों की खेती से सुधरेगी लोगों की सेहत, क‍िसान भी होंगे मालामाल

Muzaffarpur News 300 एकड़ में काला गेहूं की खेती का लक्ष्य है उत्तर बिहार में इस बार लाल भिंडी बैंगनी फूलगोभी व शिमला मिर्च की खेती कर रहे किसान यह सेहत के ल‍िए बेहद फायदेमंद है। खानपान में रंगीन सब्जियों को शामिल करने की चिकित्सक भी दे रहे सलाह।

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Published: Sat, 27 Nov 2021 05:17 PM (IST)Updated: Sat, 27 Nov 2021 05:18 PM (IST)
उत्तर बिहार में रंगीन सब्जियों की खेती से सुधरेगी लोगों की सेहत, क‍िसान भी होंगे मालामाल
मधुबनी के बाबूबरही के छौरही में लाल भिंडी दिखाते अविनाश कुमार व बगहा में जामुनी आलू दिखाते किसान विजय गिरि।

मुजफ्फरपुर,{अजय पांडेय}। पिछले पांच वर्षों में उत्तर बिहार में खेती में नए-नए प्रयोग हुए हैं। यहां रंग-बिरंगे खाद्यान्नों और सब्जियों की खेती शुरू की गई है। कहीं काला गेहूं और धान की खेती हो रही तो कहीं जामुनी आलू की पैदावार। कई जिलों में लाल भिंडी, लाल-पीला शिमला मिर्च भी लगाई जा रही है। बैंगनी फूलगोभी और लाल व पीला पत्तागोभी किसानों को आकर्षित कर रही है। इनकी बाजार में मांग है। विभिन्न पोषक तत्वों के लिए भी चिकित्सक खानपान में रंगीन सब्जियों को शामिल करने की सलाह देते हैं।

loksabha election banner

दोगुना हुआ काले गेहूं का रकबा

काले गेहूं की खेती कमोबेश सभी जिलों में हो रही। उत्तर बिहार में करीब छह साल पहले इसकी शुरुआत चंपारण से हुई थी। इसके बाद मधुबनी, दरभंगा, शिवहर, सीतामढ़ी में खेती की गई। पिछले साल करीब 150 एकड़ में काला गेहूं की खेती हुई थी। इतने ही रकबे में काला धान की भी। इस बार काला गेहूं की बोआई का लक्ष्य 300 एकड़ है। करीब 200 किसान इसकी खेती कर रहे हैं।

लाल भिंडी की ओर आकर्षित हो रहे किसान 

लाल भिंडी की खेती पिछले साल 10 एकड़ में की गई थी। इसमें मधुबनी और चंपारण के किसान आगे हैं। सीतामढ़ी और दरभंगा के किसान भी वृहद खेती की तैयारी में हैं। मधुबनी के बाबूबरही के छौरही निवासी किसान अविनाश कुमार व खजौली के विलट सिंह कुशवाहा बताते हैं कि लाल भिंडी की खेती लाभकारी है। इसका थोक भाव 100 रुपये प्रतिकिलो से कम नहीं है। खुदरा में 120 से 150 रुपये तक है। इसकी उपज भी सामान्य भिंडी की तरह प्रति क_ा 50 से 60 किलो है।

मुजफ्फरपुर में शिमला मिर्च की खेती 

मुजफ्फरपुर के मीनापुर, बोचहां, मुशहरी, मुरौल व सकरा के किसान हरा के अलावा लाल व पीला शिमला मिर्च की खेती कर रहे हैं। मधुबनी में भी करीब दो एकड़ में खेती हुई है। इससे करीब 50 किसान जुड़े हैं। मधुबनी में इस बार पांच एकड़ में बैंगनी फूलगोभी और पीला पत्तागोभी की खेती की गई है। पश्चिम चंपारण के रामनगर के किसान विजय गिरि समेत आधा दर्जन किसान लाल केला, लाल भिंडी व जामुनी रंग के आलू की खेती कर रहे हैं।

जाले कृषि विज्ञान केंद्र के वरीय विज्ञानी डा. दिव्यांशु का कहना है कि सब्जी, फल या खाद्यान्न में विशिष्ट रंग खास पोषक तत्वों के वाहक होते हैं। ये तत्व शरीर के लिए गुणकारी होते हैं।

- रंगीन फल और सब्जियों में बीटा-कैरोटीन, विटामिन-बी व सी समेत और कई पोषक तत्व रहते हैं। हरा रंग कैंसर जैसी बीमारियों से बचाता है। यह हीमोग्लोबिन का स्तर ठीक रखता है। सफेद रंग की सब्जियां कोलेस्ट्राल कंट्रोल करती है। लाल सब्जियां एनर्जी लेवल मेंटेन करती हैं। काले और बैंगनी रंग की सब्जियां याददाश्त दुरुस्त करती हैं। इनमें आयरन भरपूर रहता है। -डा. शालीन झा, फिजिशियन, समस्तीपुर


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.