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Madhubani: कोरोना से मरने वालों के मृत्यु प्रमाण पत्र पर संकट, कोरोना की दूसरी लहर में जिले के 112 लोगों की मौत

कोविड केयर सेंटर में कोरोना से मरने वालों के लिए राजनगर पीएससी से मृत्यु प्रमाण पत्र निर्गत किए जाने का प्रावधान किया गया है।प्रमाण पत्र के लिए मृतक के पहचान पत्र के साथ उनके स्वजन का आधार कार्ड पहचान पत्र के साथ आवेदन देने के बाद राजनगर पीएससी निर्गत करेगा।

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Published: Wed, 09 Jun 2021 05:05 PM (IST)Updated: Wed, 09 Jun 2021 05:05 PM (IST)
Madhubani: कोरोना से मरने वालों के मृत्यु प्रमाण पत्र पर संकट, कोरोना की दूसरी लहर में जिले के 112 लोगों की मौत
कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए गाइडलाइन का पालन जरूरी है। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

मधुबनी, जासं। कोरोना की दूसरी लहर के दौरान जिले के 112 लोग काल के गाल में समा गए। मगर, इन मृतकों का मृत्यु प्रमाण पत्र निर्गत नहीं हो रहा है। जिसमें इनके स्वजनों को सरकारी लाभ की प्रक्रिया शुरू नहीं हो रही है। मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए मृतकों के स्वजनों को इस चिलचिलाती धूप में राजनगर पीएचसी का चक्कर लगाना पड़ रहा है। बता दें कि कोविड केयर सेंटर में कोरोना से मरने वालों के लिए राजनगर पीएससी से मृत्यु प्रमाण पत्र निर्गत किए जाने का प्रावधान किया गया है। मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए मृतक के पहचान पत्र के साथ उनके स्वजन का आधार कार्ड, पहचान पत्र के साथ आवेदन देने के बाद राजनगर पीएससी मृत्यु प्रमाण पत्र निर्गत करेगा।

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कोविड केयर सेंटर पहुंचते-पहुंचते 13 लोगों ने दम तोड़ा :

इस वर्ष कोरोना से कुल मौत 112 में से 90 लोगों ने जिले के रामपट्टी स्थित कोविड केयर सेंटर में दम तोड़ दिया। जबकि, इलाज के लिए कोविड केयर सेंटर पहुंचने के दौरान रास्ते में या फिर सेंटर पहुंचने पर 13 लोगों की मौत हो गई। वहीं, कोविड केयर सेंटर से इलाज के लिए रेफर किए गए नौ लोगों की मौत रास्ते में हो गई।

28 लोगों की कोरोना से मौत पर संशय :

112 मौत में से 28 लोगों की कोरोना से मौत पर संशय बनी हुई है। इन 28 लोगों का आरटीपीसीआर, ट्रूनेट, एंटीजेन जांच रिपोर्ट नहीं होने से कोविड केयर सेंटर में इलाज के दौरान इनकी मौत होने के बाद भी कोरोना पाॅजिटिव रिपोर्ट के अभाव में कोरोना से मौत की पुष्टि नहीं होने से इनके स्वजनों के समक्ष कोरोना मृतकों को मिलने वाले लाभ से वंचित होने की नौबत आ गई है। ऐसे लोगों की इलाज के दौरान कोरोना जांच कर ली गई होती तो इनके स्वजनों को भी सरकारी लाभ मिलने की उम्मीद होती।

बता दें कि ऐसे लोगों को कोविड केयर सेंटर पहुंचते ही वहां उनका इलाज शुरू कर दिया गया। जबकि, इनकी मौत होने के बाद भी इनकी जांच नहीं की गई। जिससे मौत का कारण भी स्पष्ट नहीं हो सका। जबकि, कोरोना से होने वाली मौत का मापदंड आरटीपीसीआर, ट्रूनट, एंटीजेन जांच तय किया गया है। मगर, 28 लोगों का मौत से पहले जांच रिपोर्ट नहीं होने से इनके स्वजनों को सरकारी लाभ नहीं मिल पाएगा। जाहिर है कि कोरोना जांच कराने वालों की सूचना विभागीय पोर्टल पर दर्ज हो जाती है। मगर, व्यवस्था की लापरवाही के कारण ऐसा संभव नहीं हो सका।

28 कोरोना मृतकों का मृत्यु प्रमाण पत्र तैयार :

राजनगर पीएचसी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी व कोविड केयर सेंटर के नोडल पदाधिकारी तथा नामित रजिस्ट्रार डॉ. प्रेम शंकर झा ने बताया कि अब तक 28 कोरोना मृतकों का मृत्यु प्रमाण पत्र तैयार कर लिया गया है। शेष का आवेदन मिलने के साथ प्रमाण पत्र निर्गत करने की प्रक्रिया अपनाई जाएगी।


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