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BRABU के पीजी में काउंसिलिंग सिस्टम फेल, रात आठ बजे तक भागमभाग Muzaffarpur News

40 फीसद अभी तक काउंसिलिंग हो पाई है विवि में। काउंसिलिंग की यही रफ्तार रही तो शेष दो दिनों में सीटों को भरना मुश्किल होगा। 24 विषयों में कुल 5336 सीटों के लिए हो रही काउंसिलिंग।

By Ajit KumarEdited By: Published: Fri, 12 Jul 2019 09:33 PM (IST)Updated: Fri, 12 Jul 2019 09:33 PM (IST)
BRABU के पीजी में काउंसिलिंग सिस्टम फेल, रात आठ बजे तक भागमभाग Muzaffarpur News
BRABU के पीजी में काउंसिलिंग सिस्टम फेल, रात आठ बजे तक भागमभाग Muzaffarpur News

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। विश्वविद्यालय में स्नाकोत्तर कक्षाओं में सत्र 2018-19 में नामांकन के लिए जारी काउंसिलिंग की व्यवस्था पूरी तरह चौपट नजर आ रही। काफी अफरातफरी का माहौल है और इसी बीच हर रोज काउंसिलिंग की प्रक्रिया गुजर रही। आपाधापी में दूर-दराज से आए बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं वापस लौट रहे। लिहाजा, अभी तक 40 फीसद मुश्किल से काउंसिलिंग हो पाई होगी। काउंसिलिंग की यही रफ्तार रही तो शेष बचे दो दिनों के अंदर सीटों को भरना मुश्किल हो जाएगा। हालांकि, प्रभारी कुलपति प्रो. राजेश सिंह ने पहले ही कह दिया है कि सीटें खाली रहने पर दोबारा मौका दिया जाएगा।

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 इतिहास विभाग में काउंसिलिंग का और भी बुरा हाल है। यहां इतिहास में 150 छात्रों की काउंसिलिंग मुश्किल से हो पाई। रात आठ बजे तक दौर जारी रहा। भूगोल में कुल 1200 छात्रों ने आवेदन किए थे जिनमें 400 के लगभग काउंसिलिंग हो पाई है। मनोविज्ञान में 200 और परसियन के लिए पांच की काउंसिलिंग हुई। अंग्रेजी में 165 छात्र-छात्राओं की काउंसिलिंग हो सकी। इसमें 607 विद्यार्थियों ने आवेदन किए हैं।

 अंग्रेजी के लिए काउंसिलिंग कराने आई एमएसकेबी से रोमिता श्रीवास्तव व एमडीडीएम से प्रियंका कुमारी ने कहा कि उन्हें तो कोई परेशानी नहीं हुई मगर काफी अफरातफरी का माहौल कायम था। छात्रों के साथ ही छात्राओं के लिए ही लाइन लगी हुई थी। उस बीच से होकर लड़के भी आवाजाही कर रहे थे इससे लड़कियां असहज महसूस कर रही थीं। भीड़ के कारण स्वाभाविक है काउंसिलिंग की प्रक्रिया लंबी खींचेगी। व्यवस्था संतोषजनक नहीं कही जा सकती।

बढ़ीं सीटें लागू हुईं तब भी सबको नहीं मिल पाएगा मौका

पीजी में एडमिशन के लिए 25 हजार छात्रों ने आवेदन किए थे। इनमें 10 हजार विद्यार्थी त्रुटिपूर्ण आवेदन के आधार पर पहले ही रेस से बाहर किए जा चुके हैं। इस प्रकार 15 हजार छात्र नामांकन के लिए योग्य पाए गए हैं। बावजूद सबको नामांकन का मौका नहीं मिल सकेगा। काउंसिलिंग से कटऑफ की व्यवस्था लागू भी हुई, मगर वह भी फेल हो गया। बढ़ी हुई सीटों पर एडमिशन की मंजूरी मिली तो ही कुछ बात बन सकती है। मगर यह तभी संभव है जब प्रभारी कुलपति से उन सीटों पर एडमिशन की मंजूरी प्राप्त हो जाए। एडमिशन सेल ने अपनी तरफ से सीटें बढ़ाने की सिफारिश कर रखी है। गौरतलब है कि 24 विषयों में कुल 5336 सीटों पर नामांकन के लिए काउंसिलिंग हो रही है।  


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