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मुजफ्फरपुर में मुआवजे के पेच में फंसे कई एनएच के निर्माण का काम

एनएच-77 (मुजफ्फरपुर-हाजीपुर खंड) में छूट रकबा के अनुमोदन के बाद भी एनएचएआइ ने नहीं दिए 47 करोड़ रुपये । एनएच-527सी (मझौली-चोरौत खंड) के लिए भी 218 करोड़ में से 176 करोड़ रुपये मुआवजा का ही हुआ भुगतान ।

By Ajit KumarEdited By: Published: Wed, 28 Jul 2021 08:12 AM (IST)Updated: Wed, 28 Jul 2021 08:12 AM (IST)
मुजफ्फरपुर में मुआवजे के पेच में फंसे कई एनएच के निर्माण का काम
जिला भू-अर्जन पदाधिकारी द्वारा जिले में निर्माणाधीन छह एनएच को लेकर रिपोर्ट तैयार की है।

मुजफ्फरपुर, जासं। जिले से गुजरने वाले कई राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) के निर्माण कार्य में मुआवजे का पेच फंस गया है। महत्वपूर्ण एनएच-77 (नया एनएच-22, हाजीपुर खंड), 527सी (मझौली-चोरौत खंड) के लिए अधिग्रहित की गई जमीन का पूरा मुआवजा वितरित नहीं हो सका है। इसमें एनएच-77 में छूट रकबा में शामिल जमीन के लिए एनएचएआइ ने करीब 47 करोड़ रुपये का अनुमोदन किया है। यह राशि अबतक उपलब्ध नहीं कराई गई है। वहीं मझौली-चोरौत एनएच के लिए करीब 218 करोड़ में से 176 करोड़ रुपये मुआवजा का ही भुगतान हो सका है। इस तरह अभी 71 करोड़ रुपये का भुगतान किया जाना शेष है। इसके अलावा इस मार्ग में धर्मस्थल के पुनस्र्थापन को लेकर भी विवाद है। 

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जिला भू-अर्जन पदाधिकारी द्वारा जिले में निर्माणाधीन छह एनएच को लेकर रिपोर्ट तैयार की है। इसके अनुसार कोरोना की दूसरी लहर को भी मुआवजा भुगतान में देरी का कारण बताया है। वहीं मुआवजा राशि की कमी व विवाद भी कारण में शामिल है। रिपोर्ट के अनुसार एनएच-77 के मुजफ्फरपुर-हाजीपुर खंड में कुल 201.355 करोड़ रुपये मुआवजा का वितरण किया जाना है। इसमें से करीब 82 करोड़ रुपये का ही वितरण किया जा सका है। छूट रकबा के लिए अनुमोदित 47 करोड़ में से कुछ भी राशि प्राप्त नहीं हुई है। फकुली से मधौल तक सड़क निर्माण कार्य के दौरान हुए गतिरोध को समाप्त करने के लिए मामले में न्यायालय की मदद लेनी पड़ी। वहीं मधौल से एनएच-102 (बाइपास) में भी विवाद था। इसे समाप्त करा दिया गया है।

एनएच-77 के ही मुजफ्फरपुर-सीतामढ़ी-सोनबरसा खंड में करीब 77 करोड़ में से 63 करोड़ मुआवजा वितरित हो सका है। 13 में से तीन गांवों बेदौल असली, पितौझिया जगन्नाथ एवं गोपालपुर के लगभग भू-धारियों को राशि का भुगतान हो गया है। 10 गांवों के प्राक्कलन का अनुमोदन एनएचएआइ से प्राप्त नहीं हो सका है।

मझौली-चोरौत के बारे में कहा गया है कि बोचहां, कटरा एवं गायघाट अंचल के 22 गांवों की करीब 99 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहित की गई है। इसके लिए 218.67 करोड़ रुपये मुआवजा दिया जाना है। इसमें से 177 करोड़ का वितरण हो सका है। छूट रकबा के लिए अनुमोदित करीब चार करोड़ रुपये अभी उपलब्ध नहीं कराया गया है। इसके अलावा आधा दर्जन धर्मस्थल को लेकर भी विवाद है। कुल मिङ्क्षसग प्लॉट को लेकर एनएचएआइ मुख्यालय स्तर से प्रक्रिया की जा रही है।

छपरा-रेवाघाट-मुजफ्फरपुर एनएच-102 में मुआवजा राशि का भुगतान करीब-करीब हो गया है। सरैया के सादीपुर में अर्जित भूमि पर बने मकान की प्राक्कलित राशि लगभग पांच करोड़ रुपये प्राप्त नहीं हो सका है।

नए एनएच 227ए (रामपुर-खजुरिया-मानिकपुर-साहेबगंज) के लिए 36 गांवों से जमीन का अधिग्रहण किया जाना है। थ्रीडी प्रकाशन के बाद भू-धारियों की आपत्तियों का निष्पादन कर दिया गया है। जमीन के किस्म निर्धारण की जांच कर छह सदस्यीय कमेटी ने रिपोर्ट तैयार कर ली है। इसमें दो मौजा में प्रस्तावित टॉल प्लाजा को हटाने एवं पुन: संशोधित अलाइनमेंट एनएचएआइ से मिलने पर रिपोर्ट तैयार हो चुका है। इसके अलावा मानिकपुर के थ्रीडी प्रस्ताव को गजट के लिए नहीं भेजने का अनुरोध किया गया है। भारतमाल प्रोजेक्ट के लिए छह गांवों की जमीन का अधिग्रहण किया जाना है। इसके लिए 3ए का प्रस्ताव एनएचएआइ को भेजा गया है।


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