सांसद कीर्ति झा ने कहा : मां सीता के बिना राम मंदिर का निर्माण कराना नारी शक्ति का अपमान
भाजपा से निलंबित सांसद ने कहा- साढ़े चार साल बाद साधु संतों को क्यों आई राम मंदिर की याद, दम है तो मंदिर बनाने के लिए बिल लाए सरका।
By Ajit KumarEdited By: Published: Tue, 27 Nov 2018 02:49 PM (IST)Updated: Tue, 27 Nov 2018 02:49 PM (IST)
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। भगवान राम की दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा अयोध्या में स्थापित करने की घोषणा पर भाजपा से निलंबित दरभंगा सांसद कीर्ति झा आजाद ने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर कई सवाल खड़े किए हैं। कहा है कि मां सीता के बिना राम मंदिर का निर्माण कराना मिथिला ही नहीं बल्कि नारी शक्ति का अपमान है। दुनिया जानता है कि भगवान राम माता सीता के कारण जाने जाते हैं। माता सीता त्याग की मूर्ति हैं। जिन्होंने पूरा जीवन कष्ट सहा।
भगवान राम को वनवास भी अकले नहीं जाने दिया। ऐसी स्थिति में सिर्फ भगवान राम की मूर्ति स्थापित करने की घोषणा कही से उचित नहीं है। सीता अयोध्या की बहू है। ऐसी स्थिति में नारी का अपमान उचित नहीं है। इसे लेकर सांसद आजाद ने ट्वीट किया है। उन्होंने कहा है कि बिना मां सीता के भगवान राम की अयोध्या में मूर्ति की स्थापना करना न केवल मां सीता, अपितु पूरे मिथिला और नारी शक्ति का अपमान है। सांसद आजाद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और साधु संत पर एक साथ निशाना साधा।
कहा कि जिन मुद्दे पर सरकार पूर्ण बहुमत में आई उसे ही भूल गई। सारे वादे फेल होने पर अपनी नाकामी को छुपाने के लिए फिर से राम शस्त्र उठाई है। दम है तो मंदिर बनाने के लिए सरकार बिल लाए। मंदिर निर्माण की मांग करनेवाले साधु संतों को उन्होंने कहा कि साढ़े चार साल बाद मंदिर की याद क्यों आई है। उन्हें तो लगातार मांग करनी चाहिए था। लेकिन, ऐसा नहीं किया गया। लोग जान गए हैं कि मंदिर बीजेपी के लिए महज एक चुनावी स्टंट है।
भगवान राम को वनवास भी अकले नहीं जाने दिया। ऐसी स्थिति में सिर्फ भगवान राम की मूर्ति स्थापित करने की घोषणा कही से उचित नहीं है। सीता अयोध्या की बहू है। ऐसी स्थिति में नारी का अपमान उचित नहीं है। इसे लेकर सांसद आजाद ने ट्वीट किया है। उन्होंने कहा है कि बिना मां सीता के भगवान राम की अयोध्या में मूर्ति की स्थापना करना न केवल मां सीता, अपितु पूरे मिथिला और नारी शक्ति का अपमान है। सांसद आजाद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और साधु संत पर एक साथ निशाना साधा।
कहा कि जिन मुद्दे पर सरकार पूर्ण बहुमत में आई उसे ही भूल गई। सारे वादे फेल होने पर अपनी नाकामी को छुपाने के लिए फिर से राम शस्त्र उठाई है। दम है तो मंदिर बनाने के लिए सरकार बिल लाए। मंदिर निर्माण की मांग करनेवाले साधु संतों को उन्होंने कहा कि साढ़े चार साल बाद मंदिर की याद क्यों आई है। उन्हें तो लगातार मांग करनी चाहिए था। लेकिन, ऐसा नहीं किया गया। लोग जान गए हैं कि मंदिर बीजेपी के लिए महज एक चुनावी स्टंट है।
Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें