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BRA Bihar University: वित्त रहित कालेजों को अनुदान देनेवाली फाइल कहां तक पहुंची, यहां है लेटेस्ट अपडेट

BRA Bihar University इस बारे में विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से कहा जा रहा है कि पिछले चार शैक्षणिक सत्रों की अनुदान राशि जारी कर दिए जाने के बाद भी उपयोगिता प्रमाण पत्र कालेजों की ओर से जमा नहीं कराया गया है। इसकी वजह से परेशानी हो रही है।

By Ankit KumarEdited By: Ajit kumarPublished: Sun, 20 Nov 2022 11:32 AM (IST)Updated: Sun, 20 Nov 2022 11:32 AM (IST)
BRA Bihar University: वित्त रहित कालेजों को अनुदान देनेवाली फाइल कहां तक पहुंची, यहां है लेटेस्ट अपडेट
वित्त रहित शिक्षक संघ का दावा- सभी कालेजों का उपयोगिता प्रमाणपत्र भेजा जा चुका। फाइल फोटो

मुजफ्फरपुर, जागरण संवाददाता। चार शैक्षणिक सत्रों का अनुदान लेने के बाद भी उपयोगिता प्रमाणपत्र नहीं देने वाले कालेजों की मुश्किलें बढ़ाने के निर्देश के बाद कालेज और विश्वविद्यालय में टकराव की स्थिति उत्पन्न हो गई है। शिक्षा विभाग ने विश्वविद्यालय को पत्र भेजकर कहा है कि 2009 से 2015 तक के अनुदान का उपयोगिता प्रमाणपत्र देने के बाद ही आगे के सत्र का अनुदान दिया जाएगा।

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उपयोगिता प्रमाणपत्र को लेकर पेंच

विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो.आरके ठाकुर ने बताया कि विश्वविद्यालय ने संबद्ध डिग्री कालेजों को 2009 से 2015 तक का अनुदान भेज दिया है। जिन कालेजों ने पहले सत्र के अनुदान का उपयोगिता प्रमाणपत्र दे दिया है उन्हें बाद के भी सत्र का अनुदान उपलब्ध करा दिया है। जिन कालेजों ने यह नहीं दिया है उनका अनुदान रोका गया है। कुछ कालेजों में गर्वनिंग बाडी नहीं होने के कारण राशि भेजे जाने के बाद भी उसे खर्च नहीं किया गया है। इस कारण वहां का उपयोगिता प्रमाणपत्र लंबित है। उन कालेजों में एडहाक कमेटी का गठन कर अनुदान वितरण कराने की शीघ्र पहल की जाएगी। वहीं शेष कालेजों को उपयागिता प्रमाणपत्र देने के लिए रिमाइंडर भेजा जाएगा।

सरकार सख्ती बरत रही

इधर, संबद्ध डिग्री कालेज शिक्षक-शेक्षकेतर कर्मचारी संघ के संयोजक डा.धर्मेंद्र चौधरी ने कहा कि विश्वविद्यालय की लापरवाही के कारण सरकार सख्ती बरत रही है। जिन कालेजों ने अनुदान का वितरण कर राशि का उपयोगिता प्रमाणपत्र भेज भी दिया है, उसकी रिपोर्ट सरकार को नहीं भेजी गई है। जिन कालेजों में गर्वनिंग बाडी नहीं है वहां एडहाक कमेटी का गठन करना विश्वविद्यालय का काम है। इसमें भी आनाकानी की जा रही है। बताया कि सत्र 2011-14 और सत्र 2012-15 के लिए कुल 17 कालेजों में से 15 का अनुदान विश्वविद्यालय ने रोक रखा है। जबकि, इनकी ओर से पहले के सत्र का उपयोगिता प्रमाणपत्र दिया जा चुका है। वहीं सत्र 2009-12 और 2010-13 के लिए भी चार कालेजों का अनुदान रोक रखा है। जब विश्वविद्यालय ने अनुदान की राशि ही नहीं दी तो कालेज उसका उपयोगिता प्रमाणपत्र कैसे देंगे।


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