स्मार्ट सिटी बोर्ड की बैठक में कमिश्नर ने लगाई एजेंसी अधिकारी को फटकार, कार्रवाई का आदेश Muzaffarpur News
जून 2017 में मुजफ्फरपुर स्मार्ट सिटी घोषित हुआ था। दो साल तक डेढ़ दर्जन से अधिक बैठकेंहुईं नहीं निकला कोई नतीजा। आयुक्त को सख्त कार्रवाई करने आदेश दिया।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। तिरहुत प्रमंडल के आयुक्त पंकज कुमार की अध्यक्षता में शनिवार को स्मार्ट सिटी बोर्ड की बैठक दो पालियों में चली। हालांकि यह बेनतीजा रही। कंसल्टेंट एजेंसी श्रेयी के अकुशल कार्य को लेकर कड़ी फटकार लगाई गई।
आयुक्त कुमार ने कहा कि यह कोई कार्य करने का तरीका नहीं। जुलाई 2015 में स्मार्ट सिटी की घोषणा हुई। जून 2017 में मुजफ्फरपुर स्मार्ट सिटी घोषित हुआ। उसी साल अक्टूबर में इस पर कार्य शुरू हुआ। जनवरी 2018 में कोलकाता की कंसल्टेंट एजेंसी श्रेयी को काम दिया गया। इसको लेकर डेढ़ दर्जन से अधिक बैठकें हो चुकी। लेकिन दो साल बीत जाने के बाद भी एक टेंडर तक नहीं हुआ। ऐसे में सरकार से जनता का स्मार्ट सिटी बनने का भरोसा टूटता जा रहा है।
सख्त कार्रवाई करने का दिया आदेश
उन्होंने नगर आयुक्त को सख्त कार्रवाई करने आदेश दिया। कहा कि एजेंसी के अधिकारी प्रगति नहीं चाहता तो उन्हें अविलंब हटाएं। कमांड कंट्रोल कार्यालय बनाने आदि सरकारी भूमि इस्तेमाल करने के लिए मेयर से इजाजत लेनी होगी। इस पर मेयर सुरेश कुमार ने कहा कि स्मार्ट सिटी के लिए कोई भी भूमि मेयर और बोर्ड की सशक्त स्थायी समिति में पास होने की अनुमति मिलने के बाद ही मिलेगी।
एजेंसी ने नगर भवन के समीप स्थित एमआरडीए भवन परिसर में कार्यालय एवं कमांड सेंटर खोलने का फिर से प्रस्ताव रखा। शहर को जाम की समस्या से मुक्ति के लिए निगम की 42 सड़कों के चौड़ीकरण, इमलीचट्टी में स्मार्ट सरकारी बस स्टैंड, बिजली के अंडरग्राउंड केबल लगाने, पोखर के जीर्णोद्धार, फुटपाथी दुकानदारों, प्रदूषण फैलाने वाली गाडिय़ों पर रोक आदि समस्या सहित अन्य सारे मुद्दों पर गंभीरता से बात की गई।
स्टेशन से बैरिया तक स्मार्ट सड़क का सौंपी डीपीआर
स्मार्ट सिटी के सीईओ व नगर आयुक्त मनेश कुमार मीणा ने कहा कि पिछले दिनों हुई बैठक की प्रगति हुई है। कंसल्टेंट एजेंसी ने स्टेशन रोड से बैरिया और स्टेशन रोड से अखाड़ाघाट तक की स्मार्ट रोड की डीपीआर तैयार कर दी है। इसे बनाने में 59 करोड़ रुपये लगेंगे। टेंडर निकालने के लिए एनआइसी को शीघ्र दिया जाएगा।
मॉल बनाने के लिए 400 करोड़, स्मार्ट बस स्टैंड बनाने के लिए 132 करोड़, पार्क आदि के लिए भी विस्तार से चर्चा हुई। बैठक में डीएम आलोक रंजन घोष शामिल थे।