पश्चिम चंपारण में ठंड और गलन का सितम जारी, अलाव जलाकर बचाव कर रहे लोग
शीतलहर की चपेट में पूरा इलाका ठंड और गलन परेशान हैं लोग जगह-जगह अलाव जलाकर राहत ले रहे लोग दोपहर बाद सुनसान हो जा रहे चौक चौराहे शाम होते ही बाहर निकलने से परहेज कर रहे लोग ।
नरकटियागंज (पचं), जासं। क्षेत्र शीतलहर की चपेट में है। कनकनी भरी ठंड का सितम जारी है। अमूमन मकर संक्रांति के बाद ठंड कम होने के बजाय ठंड और कलर में लोग अपने अपने घरों में दुबकने के लिए विवश हैं। इसमें पछिया हवा कहर बरपा रही है। सोमवार को मौसम का जो हाल रहा, दूसरे दिन मंगलवार को भी उसी कड़ाके की ठंड से लोगों को गुजरना पड़ा। जानकार बताते हैं कि अभी ठंड का प्रकोप जारी रहेगा। बचाव के लिए जगह जगह लोग अलाव जलाकर राहत लेते रहे। चौक चौराहों पर दोपहर के बाद सुनसान हो जा रहा है।
मौसम में आए इस बदलाव में पाला भी पड़ रहा है। नगर से लेकर गांवों तक विशेष जरूरत की वजह बाहर निकलने वाले लोग दोपहर बाद ही अपने अपने ठिकानों पर पहुंच जा रहे हैं। वाहन सड़कों पर रेंगते आ जा रहे हैं। आसमान से बूंद बनकर गिर रही ओस से ना केवल रास्ते भींग जा रहे बल्कि पूरे क्षेत्र को शीतलहर का सामना करना पड़ रहा है। पाला पडऩे से लोगों की तबीयत भी बिगडऩे लगी है। ठंड और गलन की स्थिति के कारण लोग बीमार भी होने लगे हैं। डॉ सुधीर कुमार ने बताया कि इस ठंड में ब'चों और बुजुर्गों पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। स्वास्थ्य के प्रति थोड़ी सी भी लापरवाही परेशानी का कारण बन सकती है।
रबी फसलों के लिए पाला नुकसानदायक
कृषि विज्ञान केंद्र नरकटियागंज के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ आरपी ङ्क्षसह ने बताया कि पाला पड़ रहा है। इससे फसलों को काफी नुकसान हो सकता है। इसके लिए किसानों को सावधानी बरतने की जरुरत है। जरूरत के अनुसार रबी फसलों की ङ्क्षसचाई करें। खेतों की मेड़ों पर घास फूस जलाकर धुआं करने से फसलों की आसपास का वातावरण गर्म हो जाता है और पाले के प्रभाव से फसलें बच जाती हैं। यदि किसान फसलों पर गुनगुने पानी का छिड़काव करें तो भी फसलें पाला से बच सकती हैं।