CM Nitish Kumar अाज एसकेएमसीएच के PICU वार्ड और सदर अस्पताल के मातृ-शिशु सदन का करेंगे शुभारंभ
CM Nitish Kumar कॉन्फ्रेंसिंग से करेंगे शुभारंभ। 60 करोड़ की लागत से 200 दिनों के अंदर पीकू वार्ड हुआ तैयार। 100 बेड का है मातृ-शिशु सदन।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। देश की सबसे बड़ी शिशु गहन चिकित्सा देखभाल इकाई का तोहफा एसकेएमसीएच को मिला है। वहीं सदर अस्पताल में सौ बेड का मातृ-शिशु सदन भी सेवा देने के लिए तैयार हो गया है। शनिवार को CM Nitish Kumar वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इसका उद्घाटन करेंगे। जिलाधिकारी डॉ.चंद्रशेखर सिंह ने दोनों जगहों पर चल रही तैयारियों का जायजा लिया। पीकू वार्ड निर्माण में जुटी कंस्ट्रक्शन कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर बृजमोहन कुमार से अधिकारी तैयारी की जानकारी लेते रहे।
प्रसूता व नवजात को आधुनिक की इलाज सुविधाएं
इधर सिविल सर्जन डॉ.एसपी सिंह ने बताया कि सदर अस्पताल में सौ बेड का मातृ-शिशु सदन शुरू हो जाने से प्रसूता व नवजात को आधुनिक की इलाज सुविधाएं मिल सकेंगी। मालूम हो कि पीकू वार्ड की 24 सितंबर 2019 को आधारशिला रखी गई थी। 6 जून 2020 को इसका शुभारंभ हो रहा है।
200 दिनों में पूरा हुआ मिशन
एसकेएमसीएच परिसर स्थित 125 लाख स्क्वायर फीट में शिशु गहन चिकित्सा इकाई को तैयार किया गया है। यह अस्पताल पूर्ण वातानुकूलित है। भवन के अंदर का तापमान 25 से 27 डिग्री तक ही होगा। जानकारी के अनुसार 60 करोड़ की लागत से दो सौ दिनों में इसका निर्माण पूरा किया गया है। देश की प्रतिष्ठित निर्माण कंपनी अहलूवालिया कॉन्ट्रैक्ट्स इंडिया लिमिटेड की पूरी टीम ने तय लक्ष्य के हिसाब से समय पर सभी काम पूरे कर लिए हैं।
पीकू वार्ड में ये सुविधाएं उपलब्ध
एसकेएमसीएच में पीकू वार्ड में सभी बेड पर वेंटिलेटर, कैमरा के साथ सेंट्रलाइज ऑक्सीजन, ऑक्सीजन मास्क व अन्य सभी अत्याधुनिक मशीनें व उपकरण उपलब्ध हैं। पोर्टेबल डिजिटल एक्स-रे मशीन से बेड पर ही एक्स-रे की सुविधा होगी। जानकारी के अनुसार इसके संचालन के लिए फिलहाल राज्य के अलग-अलग मेडिकल कॉलेजों से 15 विशेषज्ञ चिकित्सक आए हैं। एसकेएमसीएच का शिशु विभाग इसकी देखरेख कर रहा है। एसकेएमसीएच अधीक्षक डॉ.सुनील कुमार शाही ने बताया कि इसके लिए अलग से चिकित्सक व पारा मेडिकल स्टाफ की नियुक्ति की सारी प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। यहां इलाजरत बच्चों को पैथोलॉजी जांच के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा।
भर्ती बच्चे के स्वजनों को मिलेंगी ये सुविधाएं
- मरीज के स्वजनों के ठहरने के लिए 50 बेड का अतिथिशाला, सभी बेड पर अलमारी भी।
-टीवी पर बच्चे के चल रहे इलाज की पल-पल की जानकारी देखने की सुविधा।
2014 में ही चली थी इस पर चर्चा
मुजफ्फरपुर व आसपास के इलाके में दो दशकों से बच्चों पर गर्मी में कहर बनकर आने वाली एईएस बीमारी की रोकथाम को वर्ष 2014 में ही तत्कालीन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ.हर्षवद्र्धन ने पीकू वार्ड की आवश्यकता पर बल दिया था। वर्ष 2019 में एक बार फिर जब बीमार बच्चों को देखने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आए तो इस पर बल दिया। वर्ष 2020 में यह अस्पताल शुरू हो रहा है।
सिविल सर्जन डॉ.एसपी सिंह ने कहा कि पीकू वार्ड से एईएस पीडि़त बच्चों के इलाज में काफी मदद मिलेगी। वहीं मातृ-शिशु सदन के शुरू हो जाने से प्रसूता व नवजात को बेहतर इलाज की सुविधाएं मिल सकेंगी।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से उद्घाटन को डीएम ने किया अलर्ट
एसकेएमसीएच में नवनिर्मित पीकू वार्ड और सदर अस्पताल में मातृ-शिशु सदन का शनिवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सुबह साढ़े ग्यारह बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से उद्घाटन करेंगे। डीएम डॉ.चंद्रशेखर ङ्क्षसह ने इस दौरान आवश्यक व्यवस्था व तैयारी सुनिश्चित करने के लिए डीडीसी उज्ज्वल कुमार सिंह को जिम्मेदारी सौंपी है। इसके साथ ही अपर जिला दंडाधिकारी राजेश कुमार को सदर अस्पताल में कार्यक्रम स्थल की, जिला सूचना एवं विज्ञान पदाधिकारी को नेट कनेक्टिविटी और मास्क व सैनिटाइजर व्यवस्था की जवाबदेही एसकेएमसीएच अधीक्षक डॉ.सुनील कुमार शाही व सिविल सर्जन डॉ.एसपी सिंह को दी गई है। कार्यक्रम स्थल के आसपास पुलिस बल की भी पर्याप्त व्यवस्था रहेगी।