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पश्चिम चंपारण के बगहा में चौराहे पर शिक्षा के प्रकाश से संवर रहा बचपन

बगहा दो में गरीबों के बच्चों को कक्षा एक से आठ तक निशुल्क पढ़ा रहे चार युवा स्कूल से भी जोड़ते। 2019 में हुई थी शुरुआत कोरोना संक्रमण के चलते बंद रहने के बाद फिर से शुरू हो गई है पढ़ाई अभी इससे 40 बच्चे जुड़े हुए हैं।

By Ajit KumarEdited By: Published: Fri, 17 Sep 2021 07:55 AM (IST)Updated: Fri, 17 Sep 2021 07:55 AM (IST)
पश्चिम चंपारण के बगहा में चौराहे पर शिक्षा के प्रकाश से संवर रहा बचपन
विकास वैभव चौराहे पर बच्चों को पढ़ाते गजेंद्र यादव। फोटो- जागरण

बगहा (पश्चिम चंपारण), तूफानी चौधरी। नरवल-बरवल में वैभव चौराहे पर बचपन संवर रहा है। यहां कक्षा एक से लेकर आठवीं तक के विद्यार्थियों को निशुल्क पढ़ाया जाता है। इन्हें पढ़ाने वाले आसपास के चार युवा हैंैं। ये सुबह और शाम एक-एक घंटा समय देते हैं। यह सिलसिला वर्ष 2019 से चल रहा है। बीच में कोरोना के कारण ठप रहा। अब फिर पढ़ाई शुरू हो गई है। बगहा दो प्रखंड का इलाका काफी पिछड़ा है। बहुत से बच्चे स्कूल नहीं जाते हैं। खेत में या अन्य छोटे-मोटे काम कर परिवार की मदद करते हैं। पर्यावरण संरक्षण को लेकर काम करनेवाले यहां की नरवल-बरवल पंचायत निवासी किसान गजेंद्र यादव बच्चों को शिक्षा से दूर देख दुखी रहते थे। महज पांचवीं पास गजेंद्र नहीं चाहते थे कि गरीबों के ये बच्चे शिक्षा से दूर रहें। उन्होंने वर्ष 2019 में बच्चों को पढ़ाने की शुरुआत की। बाद में स्नातक पास कुंदन और 10वीं पास विवेक तथा मनोहर भी जुड़ गए। ये सभी कक्षा एक से आठवीं तक के बच्चों को पढ़ाते हैं। आपसी सहयोग से कापी-किताब भी उपलब्ध कराते हैं। कोरोना के चलते शिक्षा दान का यह अभियान डेढ़ साल तक बंद था। 15 दिन पहले दोबारा शुरू हुआ है। अभी 40 बच्चे पढ़ रहे हैं।

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इस तरह मिली प्रेरणा

गजेंद्र बताते हैं कि वर्ष 2007 में आइपीएस विकास वैभव बतौर एसपी यहां तैनात थे। 'आइए मिलकर प्रेरित करें बिहार' अभियान के तहत पौधारोपण के एक कार्यक्रम में उनसे मुलाकात हुई। उसी समय उन्होंने पर्यावरण संरक्षण और दूसरों की भलाई के लिए कुछ करने का संकल्प ले लिया। जब 2009 में उनका तबादला हो गया तो उनके सम्मान में पंचायत में खाली जमीन पर पौधारोपण शुरू किया। यहीं एक चौराहे का नाम वैभव चौराहा रखा गया। यहीं बने चबूतरे पर बच्चों को पढ़ाया जाता है। पास के स्कूल में उनका नामांकन भी कराया जाता है। अब तक 50 से अधिक बच्चों को स्कूल से जोड़ा जा चुका है। अभिभावक रामायण पासवान, रामाकांत पासवान, किशोर चौधरी, प्रभुनाथ चौधरी व शेष चौधरी बताते हैं कि गजेंद्र की बदौलत उन्होंने शिक्षा का महत्व जाना है। आज उनके बच्चे पढ़ रहे हैं। गृह विभाग के विशेष सचिव विकास वैभव ने कहा कि बगहा में जिस तरह कुछ युवक शिक्षा की ज्योति जला रहे हैं, वह अनुकरणीय है। इससे लोगों को प्रेरणा लेनी चाहिए।


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