खुद रही लावारिस, मगर करती खुशियों की बारिश, जानिए मामला Muzaffarpur News
अस्पताल की एनआइसीयू में तीन माह तक रही अनन्या सबकी रही चहेती। उसके जाने के बाद पसरी है खामोशी। बच्ची को जन्म के बाद मां का दूध तक नसीब नहीं हो सका।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। वह हंसती- खिलखिलाती तो वार्ड में खुशनुमा माहौल बन जाता। उसकी किलकारी से कामकाज का तनाव मिट जाता। डॉक्टर से लेकर अन्य स्वास्थ्यकर्मियों के चेहरे पर सुकून छा जाता। पर, गुरुवार को ऐसा कुछ नहीं था। सभी के चेहरे पर खामोशी थी। उसे अपने से दूर होने की पीड़ा थी। यह है अनन्या...हम सबकी अनन्या। उसके जन्म के तीन माह होने के बाद भी मां का दूध नसीब नहीं हुआ। गुरुवार को उसे एसकेएमसीएच से बाल संरक्षण इकाई पहुंचा दिया गया। मां के रहते अनाथ जैसे जीवन की शुरुआत पल-पल भारी पड़ रही। उसके जाने के बाद कक्ष परिचारिकाओं में मायूसी छाई रही। उनका कहना था कि बड़े प्यार से उसे पाला। उसके नामकरण से छठी तक का उत्सव मनाया। आधे से अधिक अस्पताल कर्मी उसमें शामिल हुए।
बच्चा चोरी में जेल में बंद है मां
इसी साल जून में एसकेएमसीएच की एनआइसीयू में भर्ती एक नवजात गायब हो गया था। जांच हुई तो पता चला कि वहीं पर जन्मी एक बच्ची को रखकर बच्चे को गायब किया गया है। वह शिवहर हिरम्मा हिरौता के मुकेश राम का पुत्र था। उसे रेखा देवी ने शिवहर अस्पताल में जन्म दिया था। बच्चे को चमकी बुखार होने पर 31 मई की शाम शिवहर से यहां लाया गया था। एक जून को अलसुबह बच्चा गायब हो गया। उसकी जगह गमछे में लपेटकर नवजात बच्ची अनन्या को रखा गया था।
हंगामा होने पर अस्पताल अधीक्षक डॉ. एसके शाही, अस्पताल प्रबंधक संजय कुमार साह एवं पुलिस पदाधिकारी एसके मिश्रा ने पहुंचकर मामले की जांच की। बच्चा अब तक बरामद नहीं हुआ। वहीं, नवजात बच्ची की मंदबुद्धि मां को पकड़कर पुलिस ने जेल भेज दिया। उसके घर में बच्ची को संभालने वाला भी कोई नहीं।