CM Nitish Kumar जल्द ही पूरे सूबे में जल-जीवन-हरियाली यात्रा पूरी करेंगे, सोलर प्लांट को देंगे बढ़ावा
सीएम कोसी तटबंध के अंदर आवागमन व विकास से जुड़ी सात योजनाओं का शिलान्यास करेंगे। इसमें इलाके को बाढ़ से निजात दिलाने के लिए सुरक्षात्मक बांध निर्माण की योजना प्रमुख है।
मधुबनी, जेएनएन। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शनिवार को हेलीकॉप्टर से मधेपुर पहुंचे। यहां उन्होंने कोसी तटबंध के अंदर आवागमन व विकास से जुड़ी सात योजनाओं का शिलान्यास किया। इसमें इलाके को बाढ़ से निजात दिलाने के लिए सुरक्षात्मक बांध निर्माण की योजना प्रमुख है। इसके बाद उन्होंने आम सभा को संबोधित किया।
अपने संबोधन में सीएम ने कहा कि 19 अप्रैल को चुनावी सभा के क्रम में यहां आया था। तब यहां की समस्या सामने आई थी। उस समय ही मैंने कहा था कि चुनाव के बाद यहां की समस्या का निदान करेंगे। इसी वादे को निभाया गया है। कहा, सभी वर्गों में हाशिये पर जो लोग थे, उन्हें मुख्य धारा में लाने का काम किया जा रहा है। यहां बाढ़ की बड़ी समस्या है। इस बार भीषण बाढ़ आई। कोसी की त्रासदी आई। सूबे का कुछ हिस्सा सुखाड़ से पीड़ित रहा। यह संकेत है कि जलवायु में परिवर्तन हो हो रहा है। इससे भयंकर स्थिति आ सकती है। इसको देखते हुए जल-जीवन-हरियाली योजना की शुरुआत की गई है। हमें जल और हरियाली की रक्षा करनी होगी। तभी जीवन बचेगा। काम शुरू कर दिया गया है। जल्द ही हम जल-जीवन-हरियाली यात्रा पर निकलेंगे। इसके 17 अवयव हैं।
संबोधन के दौरान सीएम ने कहा कि सभी जलस्रोत से अतिक्रमण हटाएंगे। गया व बोधगया में पानी का संकट है। वहां तक गंगा का जल पहुंचाएंगे। सरकारी भवनों में जल संचय तकनीक पर काम करेंगे। मिथिला क्षेत्र में भी भूजल स्तर गिरने से हमारी चिंता और बढ़ गई। हम जल संचय व पौधारोपण करेंगे।
बिजली को घर-घर पहुंचा दिया। मगर कोयले वाली बिजली की सीमा है। हम अब अक्षय ऊर्जा पर काम करेंगे। सरकारी भवनों से शुरुआत कर रहे। सौर ऊर्जा के लिए प्लेट लगाए जा रहे हैं।
नीतीश कुमार ने लोगों से अपील की कि बिजली जरूरत के मुताबिक खर्च कीजिए। सौर ऊर्जा को भी जल-जीवन-हरियाली से जोड़ा जा रहा। उन्होंने आह्वान किया, फसल अवशेष को आग मत लगाएं। यह मिट्टी की उर्वरता को खत्म कर रहा।
पश्चिमी कोसी नहर परियोजना में जो कमी थी उसे पूरा करने के लिए आज शिलान्यास किया गया है। गांव के लोगों को बलान से बचाने के लिए भी योजना बनेगी। जहां-जहां बांध टूटा था। यह मैंने आज देखा है। नरूआर गांव के 51 परिवारों को जमीन दी गई है। भवन निर्माण का पैसा भी उन्हें मिल जाएगा। कमला तटबंध के जीर्णोद्धार का काम 2020 तक करेंगे।