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रिजल्ट के लिए बिहार विवि में बवाल, कुलपति आवास घेरा

फेल छात्र-छात्राओं को फॉर्म नहीं भरने देने से नाराज छात्रों ने विश्वविद्यालय से लेकर कुलपति आवास तक बवाल किया।

By Ajit KumarEdited By: Published: Mon, 05 Nov 2018 10:30 PM (IST)Updated: Mon, 05 Nov 2018 10:30 PM (IST)
रिजल्ट के लिए बिहार विवि में बवाल, कुलपति आवास घेरा

जेएनएन (मुजफ्फरपुर) । स्नातक पार्ट टू के खराब रिजल्ट के बाद थर्ड पार्ट का फॉर्म भराने की घोषणा व शर्त कि पार्ट वन में फेल छात्र-छात्राएं फॉर्म नहीं भर पाएंगे से नाराज छात्रों का गुस्सा सोमवार को बीआरए बिहार विश्वविद्यालय खुलते ही भड़क उठा। विश्वविद्यालय से लेकर कुलपति आवास तक छात्र-छात्राओं ने बवाल किया। परीक्षा नियंत्रक व रजिस्ट्रार के चैंबर से लेकर कैंपस में अंदर दो घंटे तक हंगामा व नारेबाजी की।

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रजिस्ट्रार ने वार्ता के लिए बुलाया पर बात नहीं बनी तो उनका हुजूम फिर कुलपति आवास जा धमका। गेट तोडऩे पर आमादा विद्यार्थियों को मनाने पहले पुलिस और विश्वविद्यालय छात्रसंघ के अध्यक्ष बसंत कुमार सिद्धू आए, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। फिर, वीसी डॉ. अमरेंद्र नारायण यादव व प्रोवीसी डॉ. राजकुमार मंडल आए और काफी देर तक मान-मनौव्वल किया। छात्रों के आक्रोश के कारण परीक्षा नियंत्रक डॉ. ओपी रमण वीसी के आवास में ही बैठे रहे। विद्यार्थियों का सर्वाधिक गुस्सा उन्हीं पर था।

पार्ट वन के लिए नहीं देंगे स्पेशल परीक्षा

स्नातक 2015-18 सत्र के थर्ड पार्ट के उन छात्र-छात्राओं को यह क्लॉज लगाकर परीक्षा फॉर्म भरने से वंचित किया जा रहा है कि उनका पार्ट वन क्लीयर नहीं हो पाया। ऐसे हजारों विद्यार्थी हैं जो विश्वविद्यालय से रहम की गुहार लगा रहे। वे सब भी इस परीक्षा में बैठने की इजाजत मांग रहे। जबकि, अधिकारी उनके लिए स्पेशल परीक्षा लेने की बात कह रहे। विद्यार्थी ऐसा कदापि नहीं चाहते और यहीं जिच फंस गई है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के विश्वविद्यालय संयोजक केशरी नंदन शर्मा, जिला संगठन मंत्री पुरुषोत्तम कुमार, प्रभात कुमार मिश्रा, नीरज कुमार, दीपांकर गिरि, चंद्रभानु सिंह, अनमोल कुमार, सोहेल रॉक, संतोष कुमार, मृणाल पालीवाल, दीपक कुमार दास आंदोलन की अगुवाई कर रहे थे।

छात्र लोजपा व हम के नेता भी पहुंचे

विद्यार्थियों का दूसरा हुजूम छात्र लोजपा के विवि अध्यक्ष गोल्डेन सिंह और हम के विवि अध्यक्ष संकेत मिश्रा की अगुवाई में विवि का घेराव करने पहुंचा। छात्र नेताओं ने कहा कि स्नातक पार्ट के छात्र-छात्राओं को जान बूझकर फेल कराया गया। उनकी कॉपियां योग्य शिक्षकों ने नहीं जांचीं। अब थर्ड पार्ट का फॉर्म भरने का मौका आया तो उससे वंचित किया जा रहा। एमडीडीएम कॉलेज की लगभग डेढ़ सौ छात्राएं किसी न किसी सब्जेक्ट में फेल और प्रमोटेड हैं। अधिकतर को तो जीरो-जीरो नंबर दिया गया है, यह जांच का विषय है।

कंट्रोलर का फरमान विवाद की जड़

आक्रोश की वजह यह भी कि पार्ट टू परीक्षा-2017 में प्रमोटेड परंतु, पार्ट वन की परीक्षा में उत्तीर्ण होना अनिवार्य किया गया है। कहा है कि ऐसे विद्यार्थियों का थर्ड पार्ट का परीक्षाफल पार्ट टू की परीक्षा उत्तीर्ण होने के बाद ही प्रकाशित होगा। जिनका सेकेंड पार्ट परीक्षा-2017 का परीक्षाफल लंबित है, उनसे इस बात का शपथ पत्र (एफिडेविट) लिया जाएगा कि अगर वे सेकेंड पार्ट परीक्षा में अनुत्तीर्ण हो जाते हैं तो उनके थर्ड पार्ट का रिजल्ट मान्य नहीं होगा। इस आधार पर परीक्षा प्रपत्र भर सकते हैं। साथ ही, वैसे विद्यार्थी जो पार्ट वन परीक्षा नियमानुसार उत्तीर्ण नहीं होंगे, उनका परीक्षा प्रपत्र किसी भी परिस्थिति में स्वीकार नहीं किया जाएगा।  


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