उत्तर बिहार में दिखेगा मौसम में बदलाव, कुछ जगहों पर हो सकती हल्की बारिश
Weather in Muzaffarpur 29 मई तक 15 से 20 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलेगी पूरबा हवा। मौसम विभाग की ओर से जारी पूर्वानुमान में एक-दो दिनों में हल्की वर्षा की संभावना है। इस दौरान अधिकतम तापमान 34-37 डिग्री जबकि न्यूनतम 25-27 डिग्री सेल्सियस के तक रह सकता है।
मुजफ्फरपुर, जासं। बीते कुछ दिनों से आसमान में बादल छाए हुए हैं। धूप की तल्खी भी कम हुई है। बुधवार को मुजफ्फरपुर में सुबह से आसमान में हल्के बादल है। वहीं मंगलवार सुबह भी आसमान में बादल छाए रहे। अधिकतम तापमान 32.8 डिग्री सेल्सियस रहा, जो सामान्य से 4.0 डिग्री कम है। वहीं न्यूनतम तापमान 22.6 डिग्री सेल्सियस रहा, जो सामान्य से 2.1 डिग्री कम है। डा. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा के मौसम विभाग ने अगले पांच दिनों के लिए पूर्वानुमान जारी किया है, जिसके मुताबिक उत्तर बिहार के जिलों में अभी हल्के से मध्यम बादल छाए रह सकते हैं। एक-दो दिनों में हल्की वर्षा की संभावना है। इस दौरान अधिकतम तापमान 34-37 डिग्री, जबकि न्यूनतम तापमान 25-27 डिग्री सेल्सियस के आस-पास रह सकता है। सापेक्ष आद्र्रता सुबह में 80 से 90 प्रतिशत तथा दोपहर में 40 से 50 प्रतिशत रहने का अनुमान है। 15 से 20 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से पूरबा हवा चलेगी।
किसानों को सुझाव
- एक-दो दिनों में वर्षा की संभावना को देखते हुए कृषि कार्यों में सतर्कता बरतें।
- मक्के की कटनी, दौनी एवं दाना सुखाने में सावधानी बरतें। मूंग की तैयार फसल की तुड़ाई सावधानी पूर्वक करें
- लंबी अवधि वाले धान की किस्में जैसे राजश्री राजेंद्र मसुरी, राजेंद्र श्वेता, किशोरी, स्वर्णा, स्वर्णा सब-वन वीपीटी-5204 एवं सत्यम की नर्सरी 26 से लगा सकते हैं।
- खरीफ मक्का की बुआई के लिए खेत तैयार करें। खेत की जुताई में 10 से 15 टन गोबर खाद प्रति हेक्टेयर व्यवहार में लाएं। बुआई के समय प्रति हेक्टेयर 30 किलो नेत्रजन, 60 किलो सल्फर एवं 50 किलो पोटाश का व्यवहार करें।
- उत्तर बिहार के लिए अनुशंसित मक्का की किस्में जैसे सुआन, देवकी, शक्तिमान-1, शक्तिमान-2, राजेंद्र संकर मक्का - तीन, गंगा - 11 हैं।
तापमान 40 डिग्री होने पर बच्चों की माइट्रोकांड्रिया होती क्षतिग्रस्त
मुजफ्फरपुर। एक्यूट इंसेफ्लाइटिस सिंड्रोम (एईएस) का तापमान से सीधा नाता है। एम्स जोधपुर के नवजात शिशु रोग विभागाध्यक्ष डा. अरुण सिंह ने शोध में पाया है कि तापमान 40 डिग्री के करीब पहुंचने पर बच्चों की माइट्रोकांड्रिया क्षतिग्रस्त होने लगती है। बारिश होने के साथ बच्चे की माइट्रोकांड्रिया फिर से चार्ज हो जाती है। बारिश होने के साथ ही बच्चे एईएस से पीडि़त नहीं हो रहे हैं। शोध में यह भी जानकारी सामने आई है कि सामान्य ब'चों की पांच प्रतिशत व कुपोषित व कमजोर ब'चों की 40 प्रतिशत माइट्रोकांड्रिया क्षतिग्रस्त हो रही है। इस साल जो ब'चे बीमार हो रहे हैं उनके ऊपर शोध होगा कि आखिर उन पर तापमान का कितना प्रभाव रहा। एसकेएमसीएच शिशु रोग विभागाध्यक्ष डा.गोपालशंकर सहनी ने बताया कि शोध मेें हर तरह का सहयोग किया जा रहा है। अब तक जो कारण है उसमें गर्मी व नमी प्रमुख है। उन्होंने आम लोगों से अपील की है कि वह अपने बच्चे को भूखे पेट नहीं सोने दें। रात में कुछ खिलाकर ही सोने दें।