रचनाकार कभी मरता नहीं, अमर रखती हैं कृतियां : डॉ.शिवदास पांडेय
कवि डॉ.ब्रजकिशोर प्रसाद सिंह की पुण्य स्मृति में निराला निकेतन में हुआ समारोह, जुटे साहित्यकार।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। रचनाकार कभी मरता नहीं, उसकी कृतियां उसे अमर रखती हैं। ये बातें मंगलवार को वरिष्ठ साहित्यकार डॉ.शिवदास पांडेय ने कहीं। वे कवि डॉ.ब्रजकिशोर प्रसाद सिंह की पुण्यस्मृति में निराला निकेतन में आयोजित समारोह में बोल रहे थे। कहा कि डॉ.ब्रजकिशोर प्रसाद सिंह शाश्वत संवेदना और कालजयी मनुष्यता के कवि थे। विषय प्रवेश डॉ.संजय पंकज ने कराया।
कहा कि आचार्यश्री शिष्य के रूप में ब्रजकिशोर बाबू को बहुत स्नेह देते थे। शास्त्री जी की 'बेला' पत्रिका के प्रथम अंक में इनकी सार्थक उपस्थिति रही। डॉ.इंदु सिन्हा ने कहा कि आचार्यश्री के गीतों का प्रभाव ब्रजकिशोर जी की रचनाओं में मिलता है। प्रेम, सौंदर्य और जीवन यथार्थ की ध्वनि मिलती है। डॉ.विजय शंकर मिश्र ने कहा कि ब्रजकिशोर बाबू की कृति 'शब्द-शब्द जीवन रागÓ में गीत की सघन संवेदना के साथ जीवन यथार्थ की अनुगूंज मिलती है।
इस अवसर पर उनके पुत्र केशव किशोर ने कवियों का सम्मान करते हुए संस्मरण सुनाए। धन्यवाद ज्ञापन एचएल गुप्ता ने किया। समारोह में ठाकुर विनय कुमार शर्मा, दीनबंधु आजाद, शुभनारायण शुभंकर, कुमार राहुल, श्यामल श्रीवास्तव, अंजनी कुमार पाठक, नागेन्द्र नाथ ओझा, विष्णुकांत झा, मनु शांडिल्य, नीरज, मनोज झा, रंजीत पटेल, सत्येन्द्र कुमार सत्येन आदि कवियों ने काव्य पाठ किए।