महापाप की जांच को फिर बालिका गृह पहुंची CBI, पहले खोदकर निकाल चुकी कंकाल
मुजफ्फरपुर के बालिका गृह व आसपास के इलाकों में मंगलवार को सीबीआइ ने दबिश दी। इसके पहले सीबीआइ शमशान घाट से एक लड़की का कंकाल बरामद कर चुकी है।
By Edited By: Published: Tue, 09 Oct 2018 01:43 PM (IST)Updated: Tue, 09 Oct 2018 11:53 PM (IST)
मुजफ्फरपुर [ जेएनएन]। बिहार के बालिका गृह यौन हिंसा कांड ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था। अब इसकी सीबीआइ जांच धीरे-धीरे आगे बढ़ रही है। इसी कड़ी में मंगलवार को सीबीआइ की टीम ने बालिका गृह, स्वाधार व सेवा संकल्प समिति परिसर और आसपास के इलाकों में सघन जांच की।
करीब छह घंटे की जांच में टीम ने क्या पाया, यह तो पता नहीं चला, लेकिन संभावना जताई जा रही है कि सभी फाइलों को खंगाला गया और उपलब्ध साक्ष्यों का घटनास्थल से मिलान किया गया।
डीआइजी के नेतृत्व में चली जांच
सीबीआइ के डीआइजी अभय कुमार सिंह के नेतृत्व में टीम ने बालिका गृह के अंदर जाकर जांच की। टीम में सीबीआइ के आधा दर्जन अधिकारी शामिल थे। इस मामले की पहले जांच कर चुकीं महिला थानाध्यक्ष ज्योति कुमारी को भी बुलाकर कई बिंदुओं पर जानकारी ली गई। सुबह 10 बजे शुरू हुई जांच शाम चार बजे तक चली। इसके बाद लाल कपड़े के सात बंडलों में फाइलें जब्त कर टीम बिना किसी से बात किए निकल गई।
नगर निगम से बुलाए गए थे दो मजदूर
जांच में सहयोग को लेकर नगर निगम से दो मजदूरों को भी बुलाया गया था। उनसे क्या काम लिया गया, इसकी सही जानकारी नहीं मिल पाई। संभावना जताई जा रही कि कमरे व फाइलों की साफ-सफाई के लिए उन्हें बुलाया गया हो। इससे पहले सिकंदरपुर श्मशान घाट परिसर की खोदाई में भी नगर निगम की जेसीबी व मजदूरों का सहयोग लिया गया था।
सेवा संकल्प और स्वाधार गृह में भी छानबीन
छह घंटे तक सीबीआइ अधिकारियों ने बालिका गृह, सेवा संकल्प समिति के परिसर और स्वाधार गृह के चप्पे-चप्पे को खंगाला। खुद डीआइजी जांच कार्य की मॉरीटरिंग करते रहे और समय-समय पर दिशा-निर्देश भी देते दिखे।
पूर्व में भी जब्त हुई थीं सौ फाइलें
पूर्व में भी सीबीआइ ने बालिका गृह से ही सौ से अधिक फाइलें जब्त की थी। मंगलवार को जब्त की गई फाइलों का जुड़ाव भी बालिका गृह और सेवा संकल्प समिति से होने की संभावना है।
करीब छह घंटे की जांच में टीम ने क्या पाया, यह तो पता नहीं चला, लेकिन संभावना जताई जा रही है कि सभी फाइलों को खंगाला गया और उपलब्ध साक्ष्यों का घटनास्थल से मिलान किया गया।
डीआइजी के नेतृत्व में चली जांच
सीबीआइ के डीआइजी अभय कुमार सिंह के नेतृत्व में टीम ने बालिका गृह के अंदर जाकर जांच की। टीम में सीबीआइ के आधा दर्जन अधिकारी शामिल थे। इस मामले की पहले जांच कर चुकीं महिला थानाध्यक्ष ज्योति कुमारी को भी बुलाकर कई बिंदुओं पर जानकारी ली गई। सुबह 10 बजे शुरू हुई जांच शाम चार बजे तक चली। इसके बाद लाल कपड़े के सात बंडलों में फाइलें जब्त कर टीम बिना किसी से बात किए निकल गई।
नगर निगम से बुलाए गए थे दो मजदूर
जांच में सहयोग को लेकर नगर निगम से दो मजदूरों को भी बुलाया गया था। उनसे क्या काम लिया गया, इसकी सही जानकारी नहीं मिल पाई। संभावना जताई जा रही कि कमरे व फाइलों की साफ-सफाई के लिए उन्हें बुलाया गया हो। इससे पहले सिकंदरपुर श्मशान घाट परिसर की खोदाई में भी नगर निगम की जेसीबी व मजदूरों का सहयोग लिया गया था।
सेवा संकल्प और स्वाधार गृह में भी छानबीन
छह घंटे तक सीबीआइ अधिकारियों ने बालिका गृह, सेवा संकल्प समिति के परिसर और स्वाधार गृह के चप्पे-चप्पे को खंगाला। खुद डीआइजी जांच कार्य की मॉरीटरिंग करते रहे और समय-समय पर दिशा-निर्देश भी देते दिखे।
पूर्व में भी जब्त हुई थीं सौ फाइलें
पूर्व में भी सीबीआइ ने बालिका गृह से ही सौ से अधिक फाइलें जब्त की थी। मंगलवार को जब्त की गई फाइलों का जुड़ाव भी बालिका गृह और सेवा संकल्प समिति से होने की संभावना है।
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