Move to Jagran APP

Navaruna massacre: नवरुणा हत्याकांड में सुप्रीम कोर्ट से सीबीआइ को मिली तीन माह की नौवीं डेडलाइन

नवरुणा हत्‍या मामले में 06 माह की नई डेडलाइन देने की एससी से की गई थी प्रार्थना। अभिषेक रंजन की अर्जी पर प्रतिवादी बनाने पर ही सुनवाई कर सकती सुप्रीम कोर्ट।

By Murari KumarEdited By: Published: Tue, 10 Dec 2019 07:49 PM (IST)Updated: Tue, 10 Dec 2019 07:49 PM (IST)
Navaruna massacre: नवरुणा हत्याकांड में सुप्रीम कोर्ट से सीबीआइ को मिली तीन माह की नौवीं डेडलाइन
Navaruna massacre: नवरुणा हत्याकांड में सुप्रीम कोर्ट से सीबीआइ को मिली तीन माह की नौवीं डेडलाइन

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। नवरुणा हत्याकांड मामले की जांच पूरी करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट से सीबीआइ को तीन माह की नई डेडलाइन मिली है। एजेंसी की ओर से छह माह की अवधि विस्तार की प्रार्थना की गई थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने पिछली बार की तरह ही उसे तीन माह की अवधि दी है। तीन माह की पिछली डेडलाइन 21 नवंबर को पूरी हो गई थी।

loksabha election banner

 इसके बाद सीबीआइ की ओर से सुप्रीम कोर्ट के समक्ष नई अर्जी दाखिल की गई थी। दूसरी ओर इस मामले की कानूनी लड़ाई लड़ रहे अभिषेक रंजन की अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट ने प्रतिवादी बनाने के बाद सुनवाई की बात कही है। इस संबंध में अभिषेक रंजन ने बताया कि वह सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का अध्ययन कर रहे हैं। इसके बाद ही वे कोई निर्णय लेंगे। 

जांच के ये होंगे फोकस बिंदु

अवधि विस्तार में सीबीआइ ने अपनी अर्जी में जांच के फोकस बिंदु की चर्चा की है।  इसके अनुसार नगर थाना के तत्कालीन थानाध्यक्ष व इस मामले की जांच करने वाले जितेंद्र प्रसाद की गुजरात के गांधीनगर स्थित फोरेंसिक साइंस लेबोरेट्री में ब्रेन मैपिंग कराई गई। इसमें नवरुणा के अपहरण व हत्या में उसकी संलिप्तता के साक्ष्य नहीं मिले हैं, लेकिन इस मामले में वरीय अधिकारियों के कदाचार से संबंधित कुछ जानकारी उसके पास है। इसकी जांच की जा रही है।

 मामले में सुराग देने वालों के लिए पिछले दिनों सीबीआइ ने दस लाख रुपये इनाम देने की घोषणा की थी। इसके फलदायक परिणाम सामने आ रहे हैं। इसका सत्यापन कराया जा रहा है।  26 नवंबर 2012 को नवरुणा के घर के सामने नाला से मिली हड्डियों व कपड़े की दोबारा जांच कराई जा रही है। इसे जांच के लिए मध्यप्रदेश के सागर स्थित फोरेंसिक साइंस लेबोरेट्री भेजा गया है।

 इसकी बायोलॉजिकल व साइंसटीफिक जांच से मिले परिणामों को अपराधियों का पता लगाने के सूत्र से जोड़ा जा सकता है। हालांकि इसकी रिपोर्ट अभी तक नहीं मिली है। रिपोर्ट मिलने पर जांच को नई दिशा मिल सकती है। इस दौरान मिले परिस्थिति जन्य साक्ष्यों की भी जांच कराई जा रही है। इस आधार पर 20 संदिग्धों से पूछताछ की जा रही है। 

यह है मामला

18 सितंबर 2012 की रात नगर थाने के जवाहरलाल रोड स्थित आवास से सोई अवस्था में नवरुणा का अपहरण कर लिया गया। 26 नवंबर 2012 को उसके घर के निकट नाला से मानव कंकाल मिला। बाद में डीएनए टेस्ट में यह नवरुणा का साबित हुआ। शुरू में इसकी जांच पुलिस व बाद में सीआइडी ने की। नतीजा सिफर रहने पर सरकार ने इसकी जांच सीबीआइ को सौंप दी। फरवरी 2014 से सीबीआइ इस मामले की जांच कर रही है।   


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.