200 करोड़ की लागत से खुलेगा कैंसर अस्पताल, मरीजों की सर्वे प्रक्रिया हुई शुरू
कैंसर अस्पताल को मरीजों की सर्वे प्रक्रिया हुई शुरू। एसकेएमसीएच में पहुंचे टीएमसीएच की टीम।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। एसकेएमसीएच परिसर में प्रस्तावित टाटा मेमोरियल कैंसर अस्पताल (टीएमसीएच) 200 करोड़ की लागत से 15 एकड़ जमीन पर खुलने जा रहा है। इसका भवन निर्माण कार्य दो वर्ष में पूरा करने का लक्ष्य है। यह अस्पताल 100 बेड का होगा। इस अस्पताल के निर्माण की प्रक्रिया जारी है।
एसकेएमसीएच परिसर में प्रस्तावित टाटा मेमोरियल कैंसर अस्पताल (टीएमसीएच) का कार्य धरातल पर शुरू हो गया है। गुरुवार को महाविद्यालय में टीएमसीएच की टीम पहुंची। टीम ने महाविद्यालय से अस्पताल तक का निरीक्षण किया। इसके पश्चात प्राचार्य डॉ. विकास कुमार के साथ बैठक कर कई बिंदुओं पर चर्चा की। जनसंख्या आधारित कैंसर मरीजों का सर्वे कार्य जारी है। इसके साथ ही रजिस्ट्रेशन कार्य को महाविद्यालय में कार्यालय खोलने की बात बताई गई है। इसके पश्चात सर्वे के लिए प्रखंडवार कर्मचारियों को चयनित किया जाना है।
टीएमसीएच की टीम ने क्षेत्र की जनसंख्या, अस्पताल में आनेवाले औसत मरीजों की संख्या, जांच की सुविधा, आसपास के जिलों से आनेवाले मरीजों की संख्या, पोस्टमार्टम के लिए आनेवाले शवों की संख्या समेत विभिन्न तरह की जानकारी ली। इससे पूर्व पहुंची टीम जमीन की पैमाईश कर लौट चुकी है। इनसेट : कैंसर अस्पताल के लिए रंग लाई सांसद की पहल जासं, मुजफ्फरपुर : श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज परिसर में प्रस्तावित कैंसर अस्पताल के निर्माण कार्य में तेजी के लिए स्थानीय सांसद अजय निषाद की पहल रंग लाई है। भाभा इंस्टीट्यूट के सहयोग से बनने वाले इस अस्पताल को लेकर स्थानीय सांसद अजय निषाद के पत्राचार के जवाब में निर्माण कार्य जल्द शुरू होने की बात कही गई है। परमाणु उर्जा आयोग के अध्यक्ष व सचिव की तरफ से सांसद को भेजे गए पत्र में निर्माण कार्य शुरू होने की जानकारी दी गई है। सामाजिक कार्यकर्ता प्रमोद शरण व संजीव साहू की पहल के बाद सांसद का कहना है कि उन्होंने स्थानीय सांसद का ध्यान इस ओर आकृष्ट कराया। दरअसल, वाराणसी व मुजफ्फरपुर में एकसाथ कैंसर अस्पताल बनना था मगर यहां कार्य शुरू होने में विलंब हो गया। इसको लेकर सामाजिक कार्यकर्ता द्वय ने भाभा इंस्टीट्यूट के अधिकारियों से संपर्क किया। वहां से बताया गया कि सांसद अगर पहल करेंगे तब जल्द सुनवाई हो सकती है। इसी के बाद उन्होंने सांसद से मिलकर पत्राचार करने का आग्रह किया। सांसद ने आग्रह स्वीकार कर तुरंत वहां संपर्क किया। परिणामस्वरूप निर्माण कार्य शुरू होने की दिशा में कार्रवाई तेज हो चली।