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पश्चिम चंपारण में कालाजार मरीजों की खोज को लेकर शुरू होगा अभियान

यदि किसी व्यक्ति ने अपना कालाजार का इलाज पूर्व में कराया हैं फिर भी उनमें बुखार के साथ कालाजार के लक्षण पाए जाते हैं तो उन्हें आरके-39 किट से जांच न करते हुए बोन मैरॉव या स्पिलीन जांच के लिए आशा द्वारा उन मरीजों को सदर अस्पताल रेफर किया जाएगा।

By Ajit KumarEdited By: Published: Sat, 25 Dec 2021 12:09 PM (IST)Updated: Sat, 25 Dec 2021 12:09 PM (IST)
पश्चिम चंपारण में कालाजार मरीजों की खोज को लेकर शुरू होगा अभियान
कालाजार के मरीजों को राज्य सरकार से मिलेगी प्रोत्साहन राशि।

बेतिया, जासं। कालाजार उन्मूलन को लेकर स्वास्थ्य विभाग विभिन्न स्तर पर समय-समय पर कई कार्यक्रम चलाए जा रहे है। ताकि कालाजार के मरीजों की खोज हो एवं उन्हें उचित चिकित्सा एवं परामर्श के साथ राज्य सरकार से प्रोत्साहन राशि मुहैया कराई जा सकें। स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार 3 जनवरी से एकबार फिर जिले में कालाजार मरीज खोज अभियान की शुरुआत होगी। जिसमें आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर कालाजार मरीजों की पहचान करेंगे। इसके लिए आशा कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित भी किया जाएगा।

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अपर निदेशक सह राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी ने जारी किया निर्देश

सिविल सर्जन डॉ.चौधरी ने बताया कि इस संबंध में वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के अपर निदेशक सह राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ. अंजनी कुमार ने पत्र जारी कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिया है। कहा गया हैं कि रोगी खोज के दौरान 15 अथवा 15 दिनों से अधिक बुखार से पीड़ित व्यक्ति जिन्होंने बुखार के दौरान मलेरिया की दवा अथवा एन्टीबायोटिक दवा का सेवन किया हैं या फिर बुखार ठीक न हुआ हो, भूख की कमी एवं उदर का बड़ा होना जैसे लक्षण है। उनकी जांच आरके 39 किट द्वारा किए जाने पर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र को रेफर किया जाना है।

आरके 39 कीट से होगी जांच

यदि किसी व्यक्ति ने अपना कालाजार का इलाज पूर्व में कराया हैं, फिर भी उनमें बुखार के साथ कालाजार के लक्षण पाए जाते हैं तो उन्हें आरके-39 किट से जांच न करते हुए बोन मैरॉव या स्पिलीन जांच के लिए आशा द्वारा उन मरीजों को सदर अस्पताल रेफर किया जाएगा तथा उनके नाम की प्रविष्टी रेफरल पर्ची में की जाएगी। वैसे व्यक्ति जिन्हें बुखार न हो लेकिन उनके शरीर के चमड़े पर चकता अथवा दाग हो किन्तु उसमें सूनापन न हो तथा वे पूर्व में कालाजार से पीड़ित रहे हो, वैसे व्यक्तियों को भी आरके-39 किट से जांच के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र को रेफर किया जाएगा।

कालाजार के नि:शुल्क इलाज की सुविधा है उपलब्ध

प्रभारी जिला वेक्टर जनित रोग पदाधिकारी डॉ. मो. नाजिर ने बताया कि कालाजार मरीजों के इलाज की सुविधा जिले के सभी पीएचसी में नि:शुल्क उपलब्ध है। मरीजों को सरकारी अस्पतालों में इलाज कराने पर श्रम क्षतिपूर्ति के रूप में सरकार की ओर से 7100 रुपये की राशि दी जाती है। पीकेडीएल मरीजों को पूर्ण उपचार के बाद सरकार की ओर से 4000 रुपये श्रम क्षतिपूर्ति के रूप में दिए जाने का प्रावधान है।

15 दिनों से अधिक समय तक बुखार का होना कालाजार के लक्षण

केयर इंडिया के डीपीओ आकांक्षा कुमारी ने बताया कि 15 दिनों से अधिक समय तक बुखार का होना कालाजार के लक्षण हो सकते हैं। भूख की कमी, पेट का आकार बड़ा होना, शरीर का काला पड़ना कालाजार के लक्षण हो सकते हैं। वैसे व्यक्ति जिन्हें बुखार नहीं हो लेकिन उनके शरीर की त्वचा पर सफेद दाग व गांठ बनना पीकेडीएल के लक्षण हो सकते हैं। 


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