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घर बैठे ही ट्रेड लाइसेंस ले सकेंगे व्यवसायी, मुजफ्फरपुर नगर निगम की ओर से की गई है खास व्यवस्था

पहली जुलाई से बंद हो जाएगी आफलाइन प्रक्रिया। कार्यालय का चक्कर लगाने से मिलेगी मुक्ति। नगर निगम ने आवेदन करने शुल्क जमा करने एवं लाइसेंस की कापी प्राप्त करने की सुविधा की आनलाइन। नगर निगम कर्मचारी घर पर पहुंचाएंगे लाइसेंस की मूल कापी।

By Ajit KumarEdited By: Published: Tue, 28 Jun 2022 06:37 AM (IST)Updated: Tue, 28 Jun 2022 06:37 AM (IST)
घर बैठे ही ट्रेड लाइसेंस ले सकेंगे व्यवसायी, मुजफ्फरपुर नगर निगम की ओर से की गई है खास व्यवस्था
अबतक 3,500 से अधिक व्यवसायियों ने लाइसेंस ले लिया है। फाइल फोटो

मुजफ्फरपुर, जागरण संवाददाता। शहर के व्यवसायियों को अब ट्रेड लाइसेंस के लिए नगर निगम कार्यालय की दौड़ नहीं लगानी पड़ेगी। अब घर बैठे ट्रेड लाइसेंस प्राप्त कर सकते हैं। नगर निगम ने आवेदन करने, शुल्क जमा करने एवं लाइसेंस की कापी प्राप्त करने की सुविधा आनलाइन कर दी है। नगर निगम की वेबसाइट पर ट्रेड लाइसेंस से संबंधित जानकारी उपलब्ध है। जैसे ही व्यवसायी अपने जीएसटी एवं बिजली कनेक्शन का नंबर डालेंगे सारी जारी उनके सामने होगी। लाइसेंस की कापी घर बैठे ही डाउनलोड हो जाएगी। वहीं लाइसेंस की मूल कापी नगर निगम कर्मचारी घर पर पहुंचा देंगे। नगर आयुक्त विवेक रंजन मैत्रेय ने कहा कि ट्रेड लाइसेंस को आनलाइन कर दिया गया है। पहली जुलाई से आफलाइन सुविधा बंद कर दी जाएगी। यदि उसके बाद कोई निगम कार्यालय पहुंचता तो कुछ दिनों तक आनलाइन सेवा प्रदान की जाएगी। 

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3,500 व्यवसायी ले चुके हैं लाइसेंस

नगर निगम ने बिजली के व्यावसायिक कनेक्शन एवं जीएसटी नंबर के आधार पर 13 हजार व्यवसायियों को ट्रेड लाइसेंस लेने के लिए नोटिस भेजा था। इनमें अबतक 3,500 से अधिक व्यवसायियों ने लाइसेंस ले लिया है।  

जमीन की कमी से रुका आंगनबाड़ी केंद्र का निर्माण

मुजफ्फरपुर : जिले में आंगनबाड़ी केंद्रों का निर्माण जमीन के कारण नहीं हो पा रहा है। यहां 1422 आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए जमीन नहीं मिल सकी है। इसे देखते हुए डीपीओ, आइसीडीएस चांदनी ङ्क्षसह ने सभी अंचलाधिकारी को पत्र लिखा है। इसमें अंचलवार लक्ष्य का जिक्र करते हुए भूमि उपलब्ध कराने का आग्रह किया है। इसमें योग्य भूमि का चयन का अनापत्ति प्रमाणपत्र देने की बात कही है। इसके लिए प्रारूप भी जारी किया गया है।

कुढऩी में सर्वाधिक मामले लंबित : डीपीओ की सूची के अनुसार सबसे अधिक लंबित मामले कुढऩी प्रोजेक्ट में हैं। यहां 132 आंगनबाड़ी केंद्रों के निर्माण के लिए जमीन नहीं मिल सकी है। ढोली में सबसे कम 11 केंद्र के लिए भूमि की जरूरत है। किस प्रोजेक्ट में कितने केंद्रों के लिए जमीन की जरूरत : औराई में 96, बंदरा-25, बरूराज-129, बोचहां-78, ढोली-11, गायघाट-84, कांटी-75, कटरा-81, कुढऩी-132, मड़वन-49, मीनापुर-125, मुशहरी ग्रामीण-97, मुशहरी सदर-106, पारू-100, साहेबगंज-65,सकरा-86 एवं सरैया में 87 केंद्रों के लिए जमीनकी जरूरत है।


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