Muzaffarpur के SKMCH में दलालों की पैठ, मरीज को निजी अस्पताल में कराया भर्ती; मोटी फीस नहीं देने पर बनाया बंधक
मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच में दलाल मरीजों को शिकार बना रहे हैं। बेहतर इलाज के नाम पर गरीब परिवार को निजी अस्पताल लेकर जाते हैं फिर फीस में मोटी रकम देने के लिए मजबूर करते हैं।ताजा मामले में तो अस्पताल प्रबंधन ने मरीज को बंधक बना लिया है।
मुजफ्फरपुर, जागरण संवाददाता। मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच में आने वाले मरीजों को दलाल बाहर का रास्ता दिखा रहे हैं। बेहतर इलाज के नाम पर लोगों को निजी अस्पताल ले जाते हैं और फिर मोटी फीस देने के लिए मजबूर करते हैं। ऐसा ही एक मामला अब पुलिस के पास पहुंचा है, जहां सड़क दुर्घटना में घायल एक मरीज को दलाल ने एसकेएमसीएच परिसर से ले जाकर जूरन छपरा के एक निजी अस्पताल में भर्ती करा दिया। अब फीस चुकाने के लिए गाली-गलौज की जा रही हैं। मरीज को बंधक बनाकर रख लिया है।
इस तरह से चला घटनाक्रम
करजा गोपालपुर के शिव कुमार राम ने बताया कि 18 मार्च को सड़क दुघर्टना में भाई ओम प्रकाश राम के पांव में जख्म हो गया। सबसे पहले मड़वन पीएचसी में इलाज कराया गया। वहां से प्रारंभिक इलाज के बाद रेफर किया गया। फिर उसे लेकर एसकेएमसीएच पहुंचे। यहां पर एक्स-रे कराया गया।
अस्पताल प्रबंधन ने कहा- रुपये लाओ, मरीज ले जाओ
इस बीच कुछ दलालों ने बेहतर इलाज का आश्वासन दिया और वहां से मरीज को लेकर एम्बुलेंस से चल दिए। जूरन छपरा मेन रोड स्थित निजी अस्पताल में लाकर भर्ती करा दिया। यहां पर इलाज का बिल 62 हजार थमा दिया गया। शिव कुमार ने कहा कि वह गरीब-लाचार हैं। हालांकि, अस्पताल प्रबंधन कुछ भी सुनने का नाम नहीं ले रहा है। कहते हैं रुपये लाओ, मरीज ले जाओ।
डीएसपी ने थानाध्यक्ष से मांगी रिपोर्ट
शिव कुमार ने बताया कि सिविल सर्जन कार्यालय में आवेदन दिया। डीएसपी टाउन से मिलकर शिकायत की है। डीएसपी ने इस मामले को गंभीरता से लिया है। मरीज अभी भी अस्पताल में ही है। डीएसपी टाउन राघव दयाल ने इसको गंभीरता से लेते हुए ब्रह्मपुरा थानाध्यक्ष से रिपोर्ट मांगी है।
डीएसपी ने कहा कि किसी भी लाचार व गरीब को सरकारी अस्पताल से निजी अस्पताल में उठाकर लाना बिल्कुल कानून सम्मत नहीं है। जब सरकार की ओर से अस्पताल में गरीबों को मुफ्त इलाज मिल रहा है तो उसको वहां से बाहर का रास्ता नहीं दिखाना चाहिए। रिपोर्ट आने पर अगला एक्शन होगा।
मामले की समीक्षा करेंगे सिविल सर्जन
इधर, सिविल सर्जन डा.यूसी शर्मा ने बताया कि मंगलवार को वह इसकी समीक्षा करेंगे। संबंधित निजी अस्पताल के पास कितने चिकित्सक हैं, उसका निबंधन हुआ है या नहीं और किस-किस बीमारी का इलाज हो रहा है और उसके लिए कितनी फीस निर्धारित है। इस पर रिपोर्ट लेंगे। मरीज को कहीं से हटाना आपराधिक मामला है।