Kisan Chachi राजकुमारी देवी के पति अवधेश चौधरी का निधन, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने व्यक्त की शोक संवेदना
Kisan chachi स्थानीय चिकित्सक के जवाब दे देने पर सोमवार को किसान चाची के पति अवधेश चौधरी को दिल्ली ले जाया गया था। ब्रेन के ऑपरेशन के लिए मंगलवार को मेदांता में भर्ती कराया गया था। किसान चाची के बड़े भाई कुमार अशोक ने यह जानकारी दी है।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। Kisan chachi : किसान चाची के नाम से प्रसिद्ध राजकुमारी देवी के पति अवधेश चौधरी का मंगलवार देर रात निधन हो गया। उन्हें ह्रदय की बीमारी थी। स्थानीय चिकित्सकों द्वारा बेहतर इलाज की सलाह पर उन्हें दिल्ली लाया गया था। बुधवार को उनका ऑपरेशन होना था। मगर, इससे पहले ही उनका निधन हो गया। मालूम हो कि पद्मश्री किसान चाची से मिलने 12 सितंबर को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा उनके घर सरैया के आनंदपुर आए थे। किसान चाची के स्वावलंबन की उन्होंने सराहना भी की थी। किसान चाची अपनी सफलता का श्रेय पति अवधेश चौधरी की प्रेरणा व मदद को देती रही हैं। उनका कहना है कि समाज कितना भी विरोध करे। पति का साथ हो तो महिला हर मुकाम हासिल कर सकती है। अवधेश चौधरी का पार्थिव शरीर एंबुलेंस से उनके गांव आनंदपुर लाया जा रहा है। निधन की सूचना पर इलाके में शोक की लहर है। किसान चाची के भाई कुमार अशोक ने बताया कि अवधेश चौधरी को पहले ह्रदयाघात हो चुका था। यहां इलाज के बाद दिल्ली में ऑपरेशन होना था। वहीं, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किसान चाची को फोन कर शोक संवेदना प्रकट की। उन्होंने दिवंगत आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की है।
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष कुछ दिन पहले आए थे घर
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा अभी कुछ दिन पहले ही किसान चाची और उनके पति से मिलने सरैया प्रखंड के आनंदपुर गए थे। राजकुमारी देवी उर्फ किसान चाची इसी संघर्ष का नाम है। सामाजिक व पारिवारिक बेड़ियों को तोड़कर गांव की पगडंडियों से शुरू किया उनका सफर आज महानगरों तक पहुंच गया है। स्वावलंबन की खींची गई उनकी लकीर पर आज पूरा समाज चल रहा है। स्वावलंबन की इसी महक से आनंदपुर गुलजार हो रहा।
किसान चाची श्रीमती राजकुमारी देवी के पति अवधेश चौधरी के निधन पर मुख्यमंत्री @NitishKumar ने गहरी शोक संवेदना व्यक्त की। pic.twitter.com/B0TfYpmYe2— IPRD Bihar (@IPRD_Bihar) September 23, 2020
किसान चाची को हरकदम पर दिया था साथ
महिला सशक्तीकरण की मिसाल राजकुमारी देवी को अवधेश चौधरी ने पूरा साथ दिया था। जिला नहीं बड़ी हस्तियों की भी प्रेरणास्रोत हैं। इसमें पीएम मोदी, अमिताभ बच्चन, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी शामिल हैं। इसके पीछे पिता के घर से विदा होने के बाद से शुरू हुए कठिन सफर की उनकी कहानी है। राजकुमारी देवी कहती हैं, शादी के कई वर्ष तक संतान नहीं होने के कारण पहले से तिरस्कार झेल ही रही थी। उस पर से खेती शुरू की। परिवार के साथ अब समाज ने बहिष्कृत कर दिया। मगर, यह सफर शुरू हुआ तो पारिवारिक कारवां भी आगे बढ़ा। दो बेटियां व एक बेटे के रूप में तीन संतानों का जन्म भी हुआ।
बिहार सरकार ने किसानश्री सम्मान दिया
राजकुमारी ने खेती के साथ छोटे-मोटे कृषि उत्पाद बनाने शुरू किए। साथ ही साइकिल उठाई और मेला-ठेला व घर-घर जाकर इसकी बिक्री शुरू की। तब पति अवधेश कुमार चौधरी भी नाराज हो गए। वे अब भी कहते हैं, साइकिल से सामान बेचना अच्छा नहीं लगा। राजकुमारी देवी के संघर्ष की कहानी सत्ता के गलियारों तक पहुंची। बिहार सरकार ने वर्ष 2007 में किसानश्री सम्मान दिया। बस फिर क्या था राजकुमारी बन गईं किसान चाची। इसके बाद गांव की पगडंडियों से ऊपर महानगर का रुख किया। दिल्ली, गुजरात समेत कई जगहों पर किसान मेले में अपना उत्पादों का स्टॉल लगाया। केंद्र सरकार ने भी उनके संकल्प को पद्मश्री सम्मान देकर नवाजा।