बालिका गृह यौन हिंसा : आयकर चोरी में ब्रजेश पर होगा जुर्माना
आयकर मुख्यालय से सात साल के रिटर्न की फाइलों को दोबारा खोलने का निर्देश। 07 साल में कुल आयकर चोरी की होगी गणना।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। बालिका गृह यौन हिंसा मामले के मुख्य आरोपित ब्रजेश ठाकुर द्वारा आयकर चोरी मामले में आयकर विभाग ने शिकंजा कसा है। आयकर मुख्यालय, पटना द्वारा आयकर चोरी और धोखाधड़ी करने में कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। ब्रजेश ने सात साल के रिटर्न वर्ष 2012-13 में 5.29 लाख रुपये की आय दिखाई है। जबकि, वर्ष 2017-18 में यह आय 17 हजार मात्र रिटर्न में दाखिल की गई। इस सात साल की अवधि में सालाना आय निरंतर बढ़ती चली गई। उसके एनजीओ का विस्तार हुआ।
उत्तर बिहार के छह जिलों तक ब्रजेश की संस्थाओं का सालाना अनुदान लाखों में बढ़ा है। मोटे तौर पर वर्ष 2017-18 में आय लाखों में होनी चाहिए। लेकिन, सात साल में इतनी कम आय होने पर आयकर विभाग ने इसे धोखाधड़ी और आयकर चोरी का मामला माना है। इस अवधि में बैंक में पांच लाख व चार लाख रुपये की एफडी यानी कुल नौ लाख रुपये की एफडी भी है। मोटे तौर पर सात साल में कुल आय मात्र 15 लाख रुपये और निवेश 17 लाख से अधिक दर्शाया गया है।
रिटर्न का वर्ष आय
2012-13 - 5.2 लाख
2013-14 - 3.44 लाख
2014-15 - 3.66 लाख
2015-16 - 4.0 लाख
2016-17 में 5.10 लाख रुपये की कृषि भूमि की खरीद
2016-17 में ही सालाना आय 54 हजार
2017-18 में आय मात्र 24 हजार
अब ऐसे होगा जुर्माना तय
आयकर विभाग द्वारा अधिनियम 147 के तहत फाइलों को खोला जाएगा। विगत सात साल में प्रत्येक वर्ष कुल आयकर चोरी की गणना होगी। उसके आधार पर जुर्माना निर्धारित किया जाएगा। यही कार्रवाई सभी सात सालों की अवधि में चलेगी।