संगीत की स्वर लहरी से दिव्यांगता को दी मात, मधुर आवाज से बन रहा मंचों की शोभा Darbhanga News
संगीत के क्षेत्र में नाम रोशन कर रहा जाले का शिवम दोनों आंखों में रोशनी नहीं। दरभंगा के अलावा मधुबनी व सीतामढ़ी में हुए कई महोत्सवों में कार्यक्रम कर चुका।
दरभंगा [मुकेश कुमार श्रीवास्तव]। जन्म से दोनों आंखों में रोशनी नहीं, लेकिन हौसला बुलंद। तभी तो, गायन से नाम रोशन कर रहा है जाले प्रखंड स्थित ब्रह्मपुर गांव निवासी शिवम। अपनी मधुर आवाज से वह विभिन्न मंचों की शोभा बन रहा। दरभंगा के अलावा मधुबनी और सीतामढ़ी जिला प्रशासन के आमंत्रण पर कई महोत्सवों में अपनी कला का प्रदर्शन कर चुका है। संगीत के साथ वाद्य यंत्रों पर भी अच्छी पकड़ है। जब हारमोनियम और तबला पर हाथ चलाता है तो दर्शक मंत्रमुग्ध हो जाते हैं।
किसान गुंजन कुमार का 11 वर्षीय पुत्र शिवम कक्षा आठ में पढ़ाई के साथ संगीत की साधना भी कर रहा। दादा टन्नू सरकार उसके जीवन से अंधकार दूर करने में लगे हैं। इसके लिए शहर के बलभद्रपुर में किराए का मकान लेकर शिवम के साथ रहते हैं। रोजाना उसे कबीलपुर ले जाते, जहां गुरु अमित चौधरी संगीत सिखाते हैं। सुबह-शाम घंटों रियाज में मदद करते हैं।
संकीर्तन से गाने की प्रेरणा
शिवम को बचपन में दादा के साथ एक संकीर्तन में जाने का मौका मिला। वहां गीत-संगीत सुनकर स्वत: गाने लगा। इसके बाद तो सिलसिला शुरू हो गया। घर में या कहीं भी कीर्तन आदि में भक्ति गीत गाने पहुंच जाता था। उनकी मधुर आवाज से लोग मंत्रमुग्ध हो जाते थे। परिवार वालों ने शिवम को वर्ष 2017 से संगीत की शिक्षा दिलानी शुरू की।
कई जगह प्रस्तुति और सम्मान
शिवम को वर्ष 2017 संत केशव दास कला एवं संगीत महाविद्यालय, बनारस में आयोजित कार्यक्रम में प्रथम स्थान मिल चुका है। भोजपुरी गायक पवन सिंह के साथ मंच साझा कर चुका है। दरभंगा, मधुबनी और सीतामढ़ी के जिला महोत्सव में कार्यक्रम पेश कर चुका है। इस वर्ष दरभंगा जिला स्थापना समारोह में बॉलीवुड कलाकार एश्वर्य निगम के साथ गाने का मौका मिला। उसे वर्ष 2018 में विश्व दिव्यांग दिवस पर राज्य स्तरीय सम्मान से समाज कल्याण मंत्री ने सम्मानित किया था। पूर्व सीएम जीतन राम मांझी वर्ष 2018 में उस्ताद बिस्मिल्लाह खान अवार्ड दे चुके हैं।
शिवम का मानना है कि हालात से डरकर कई बार लोग लक्ष्य बदल लेते, जो उचित नहीं है। संगीत शिक्षक अमित चौधरी कहते हैं कि वह काफी मेहनत करता है। प्रतिभा देख उसे निशुल्क शिक्षा देता हूं।