अब चंपारण के खेतों में भी उगेगा काला टमाटर, इस बीमारी के इलाज में आता है काम
महात्मा गांधी की कर्मभूमि चंपारण के खेतों में भी अब काला टमाटर उपजेगा। मूलरूप से आस्ट्रेलिया के इस टमाटर की खेती अभी तक हिमाचल प्रदेश में होती है।
पूर्वी चंपारण [सोमनाथ पांडेय]। चंपारण के किसानों के लिए खुशखबरी है। शुगर के मरीजों के लिए रामबाण काले टमाटर की खेती यहां भी की जा सकेगी। मूलरूप से आस्ट्रेलिया के इस टमाटर की खेती अभी तक हिमाचल प्रदेश में होती है। पूर्वी चंपारण के पीपराकोठी स्थित कृषि विज्ञान केंद्र से जल्द इसका पौधा मिल सकेगा।
कृषि विज्ञान केंद्र के समन्वयक डॉ. केके झा और वैज्ञानिक अरविंद कुमार पिछले दिनों हिमाचल प्रदेश के दौरे पर गए थे। वहां काले टमाटर की खेती पर अध्ययन किया। इसके बाद पीपराकोठी केविके परिसर में टमाटर के लिए नर्सरी तैयार की गई। इसी माह बीज गिराया जाएगा। पौधा तैयार होने के बाद किसानों की गोष्ठी बुलाई जाएगी। इसमें प्रशिक्षण देने के बाद पौधे दिए जाएंगे, ताकि रोग निरोधक इस टमाटर की खेती चंपारण में भी बेहतर तरीके से की जा सके।
बाजार उपलब्ध कराएगा विभाग
फसल तैयार होने के बाद इसके लिए बाजार भी उपलब्ध कराने की योजना पर कृषि विभाग काम कर रहा है। बताया गया है कि केंद्रीय कृषि व किसान कल्याण मंत्री राधामोहन सिंह ने विभागीय वैज्ञानिकों को निर्देशित किया है कि लगातार खेती के क्षेत्र में नए प्रयोग करें, ताकि किसान समृद्ध हो सकें। यह प्रयास भी उसी की एक कड़ी है।
बाहर के काला अंदर से लाल
इसकी खेती भी लाल टमाटर की तरह होती है। इसके लिए कुछ अलग से करने की जरूरत नहीं होगी। यह बाहर से काला और अंदर से लाल होता है। कच्चा खाने में न ज्यादा खट्टा है न ज्यादा मीठा, इसका स्वाद नमकीन जैसा है।
जनवरी में लगती नर्सरी
जनवरी में इसकी नर्सरी तैयार होती है और बीज डाला जाता है। मार्च के अंत तक पौधों की रोपनी की जा सकती है। इसमें फल लगने में लाल टमाटर से थोड़ा ज्यादा वक्त लगता है। लाल टमाटर करीब तीन महीने में पक जाता है। जबकि काले को पकने में करीब चार महीने लगते हैं।
कई रोगों में फायदेमंद
इसके बीज को जेनेटिक म्यूटेशन से तैयार किया जाता है। काले टमाटर में फ्री रेडिकल्स से लडऩे की क्षमता होती है। फ्री रेडिकल्स बहुत ज्यादा सक्रिय सेल्स होते हैं जो स्वस्थ सेल्स को नुकसान पहुंचाते हैं। इस तरह यह टमाटर शुगर को नियंत्रित करने के साथ-साथ कैंसर से रोकथाम करने में भी सक्षम है। यह आंखों के लिए भी बहुत फायदेमंद है। शरीर में विटामिन ए और विटामिन सी की जरूरत पूरी करता है। इसमें पाया जाने वाला एंथोसाइनिन हार्ट अटैक से बचाता है। दिल को सुरक्षा प्रदान करता है।
काले टमाटर की खेती जिले में हो, इसके लिए नर्सरी तैयार है। बीज समय से डाला जाएगा। पौधा तैयार होते ही उसका वितरण प्रशिक्षण के बाद किसानों में होगा।
-डॉ. केके झा
समन्वयक, कृषि विज्ञान केंद्र, पीपराकोठी (पूचं.)