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महंगाई की मार, हर जगह कालाबाजारी

कोरोना के संभावित संक्रमण और इसके चलते जारी लॉकडाउन के दौरान उपभोक्ता सामग्री की कालाबाजारी ने लोगों की परेशानी बढ़ा दी है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 26 Mar 2020 12:51 AM (IST)Updated: Thu, 26 Mar 2020 06:10 AM (IST)
महंगाई की मार, हर जगह कालाबाजारी
महंगाई की मार, हर जगह कालाबाजारी

मुजफ्फरपुर : कोरोना के संभावित संक्रमण और इसके चलते जारी लॉकडाउन के दौरान उपभोक्ता सामग्री की कालाबाजारी ने लोगों की परेशानी बढ़ा दी है। महंगाई ने पांव पसारने शुरू कर दिए हैं। हालत यह है कि इसके संभावित संक्रमण से ज्यादा महंगाई डायन के खौफ से लोग परेशान हो रहे हैं। कीमत नियंत्रण के प्रशासनिक दावे कागजों तक ही सिमट कर रह गए हैं। वहीं, कालाबाजारी उपभोक्ताओं की जेब पर डाका डाल रहे हैं। बुधवार को भी बाजार महंगाई के रंग में रंगी दिखी। शहर से लेकर गांवों तक, गली से लेकर चौराहा तक और मोहल्ले की दुकानों पर भी अधिक कीमत पर सामान बेचा जाता रहा। बिचौलिए सक्रिय रहे और कालाबाजारी ग्राहकों को किल्लत का खौफ दिखाकर लूटते रहे। प्याज 65 रुपये और आलू 40 रुपये प्रतिकिलो बिका। 30 से 32 रुपये प्रतिकिलो बिकने वाला आटा भी 40 के पार गया। 110 से 130 रुपये प्रति लीटर की दर से बिकने वाला सरसों तेल व रिफाइन 125 से 145 रुपये लीटर तक बिका।

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ज्यादा कीमत वसूलने पर लोगों ने बंद कराईं दुकानें

कई स्थानों पर अधिक कीमत वसूलने को लेकर लोगों ने हंगामा किया। शहर के कोल्हुआ व साहू रोड में नाराज लोगों ने कई दुकानें बंद करा दीं। माड़ीपुर और मालीघाट में ग्राहक व दुकानदार के बीच कहासुनी हुई। नया टोला, कटही पुल, स्पीकर चौक, आरडीएस कॉलेज रोड, जवाहर लाल रोड, गोला रोड और पुरानी बाजार आदि इलाके में अधिक वसूली को लेकर लोग नाराज दिखे। यही नहीं कालाबाजारी की सूचना के बाद भी किसी अधिकारी ने मौके पर पहुंचने की जरूरत नहीं समझी। अनुमंडल कार्यालय द्वारा बीडीओ का नंबर दिया जाता रहा और बीडीओ द्वारा डीएम का।

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प्रशासन को सौंपी कीमतों की दैनिक सूची, दुकान पर नहीं साटा

मुजफ्फरपुर : विभिन्न व्यवसायी संघों ने मंगलवार की शाम डीएम के साथ हुई बैठक में लिए निर्णय के आलोक में जिला प्रशासन को उपभोक्ता सामग्री की कीमत से संबंधित दैनिक सूची सौंपी। लेकिन, आदेश के आलोक में दुकानों पर इससे संबंधित सूची नहीं लगाई। गोला रोड, अंडी गोला रोड और बाजार समिति के इलाकों में कहीं सूची नजर नहीं आई। हालांकि, कुछ दुकानदारों का कहना था कि सूची लगाई गई थी। किसी ने फाड़ दी।

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छोटे दुकानदारों की बढ़ी परेशानी, खानी पड़ रही पुलिस की लाठी

मुजफ्फरपुर : लॉकडाउन के चलते थोक और बड़े व्यवसायियों की सामग्री की आपूर्ति व वितरण की परेशानी कम हो गई है, लेकिन छोटे व्यवसायी या कहें कि मोहल्ले के दुकानदारों की शामत आ गई है। एक तो छोटे-छोटे दुकानदारों से थोक विक्रेता अधिक कीमत वसूल रहे हैं और इसके चलते उन्हें ग्राहकों के आक्रोश का शिकार होना पड़ रहा है। दूसरी ओर उन तक सामग्री पहुंच नहीं रही है। उन्हें थोक मंडी में पहुंचकर सामग्री लाने की मजबूरी है। वह जब साइकिल या बाइक से खरीदारी करने मंडी निकलते हैं तो लॉकडाउन का पालन कराने के लिए शहर में गश्त लगा रही पुलिस पिटाई कर भगा दे रही है। कई दुकानदारों ने इसकी शिकायत की। वहीं प्रशासन से उनके लिए व्यवस्था कराने की मांग की। ताकि, वह सामग्री की खरीदारी कर सकें।

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जिला जनसंपर्क पदाधिकारी को बाजार समिति अहियापुर द्वारा दी गई सामग्री की थोक कीमत

आटा : 2900 से 3,000 प्रति क्विंटल

चावल मध्यम : 3000 से 4000 प्रति क्विंटल

चावल उसना : 3500 से 4500 प्रति क्विंटल

चावल अरवा : 3000 से 5000 प्रति क्विंटल

चावल फाइन : 5000 से 8000 प्रति क्विंटल

अरहर दाल : 8000 से 9000 प्रति क्विंटल

चना दाल : 6000 से 7000 प्रति क्विंटल

मसूर दाल : 6500 से 7500 प्रति क्विंटल

मूंग दाल : 11,500 से 13,000 प्रति क्विंटल

गेहूं : 2500 से 2800 प्रति क्विंटल

सरसों तेल सलोनी : 110 से 120 रुपये प्रति लीटर, धारा : 110 से 120 रुपये प्रति लीटर, हाथी मार्का : 115 से 125 रुपये प्रति लीटर, अन्य : 100 से 105 रुपये लीटर

रिफाइन नेचरफ्रेश : 105 से 110 रुपये प्रति लीटर, फॉच्यून : 105 से 110 रुपये प्रति लीटर, धारा : 105 से 110 रुपये प्रति लीटर, अन्य : 100 से 105 रुपये प्रति लीटर

नमक : 10 से 20 रुपये प्रति किलो

चना : 6000 से 6500 प्रति क्विंटल

काबली चना : 6000 से 6500 प्रति क्विंटल

मैदा : 3000 से 4000 रुपये प्रति क्विंटल

चीनी : 3700 से 3900 रुपये प्रति क्विंटल

लहसुन : 6000 से 6500 रुपये प्रति क्विंटल

मटर : 6000 से 7000 रुपये प्रति क्विंटल

आलू : सफेद : 1600 रुपये प्रति क्विंटल, लाल : 1800 रुपये प्रति क्विंटल

प्याज : बंगाल: 2400 से 2500 रुपये प्रति क्विंटल, इंदौर : 2700 से 2800 रुपये प्रति क्विंटल, नासिक : 2800 रुपये प्रति क्विंटल

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कोट

उपभोक्ता सामग्री की कालाबाजारी और जमाखोरी किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। प्रशासन की नजर कालाबाजारियों पर है। सभी अधिकारियों को कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। पुलिसकर्मियों को भी लॉकडाउन की स्थिति में सख्ती बरतने के निर्देश दिए गए हैं। संवेदनशील होकर सभी कार्य करे।

- डॉ. चंद्रशेखर सिंह, जिलाधिकारी


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