बीजेपी-जेडीयू के दो बड़े नेताओं के बीच जारी रार में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह की एंट्री...अपने खास अंदाज में दी यह सलाह
BJP-JDU Controversy पहले जातिगत गणना और उसके बाद अग्निपथ योजना को लेकर बिहार एनडीए में घमासान जारी है। खासकर बीजेपी व जेडीयू के वरीय नेताओं के बीच। अब इस पर केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह ने भी अपना बयान दिया है।
मुजफ्फरपुर, [अमरेंद्र तिवारी]। बिहार एनडीए के दो प्रमुख घटक दल भाजपा व जदयू के बीच सबकुछ सही नहीं चल रहा है। हाल के दिनों में दोनों दलों के नेताओं की ओर से एक-दूसरे के खिलाफ लगातार बयानबाजी देखने को मिली है। पहले जातिगत गणना और उसके बाद केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना काे लेकर दोनों ओर के शीर्ष नेताओं की ओर से कड़े बयान दिए गए। इस रार के बीच अब केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह की एंट्री हो गई है। उन्होंने भी अपने खास अंदाज में भाजपा नेता व नेतृत्व पर सवाल उठाने वाले जेडीयू नेता को जवाब दिया है। वे रविवार को जिले के कुढऩी प्रखंड स्थित भोला सिंह उच्च विद्यालय में स्वामी सहजानंद सरस्वती की पुण्यतिथि पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने आए थे। इस दौरान उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी के काम और मन की बात कार्यक्रम के बारे में भी बात की।
सीएम नीतीश कुमार से बात कर लें
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि वर्तमान मोदी सरकार स्वामी सहजानंद सरस्वती के सपनों को सकार करने की दिशा में लगातार काम कर रही है। देश के किसानों की आय को दोगुनी करने की दिशा में लगातार प्रयास चल रहे हैं। कृषि कानून इसी सपने को सच करने के लिए लाया गया था, लेकिन कुछ वजहाें से सरकार को इसे वापस करना पड़ा। अब सरकार अपने स्तर से किसानों की फसलों को अधिक से अधिक मूल्य दिलाने की दिशा में काम कर रही है। फसलों का उचित मूल्य किसानों को मिलने लगे तो उनकी अधिकांश परेशानियां दूर हो जाएंगी। इसी दौरान वहां मौजूद पत्रकारों ने बिहार एनडीए में जारी खींचतान के बारे में सवाल पूछा। खासकर जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा की ओर से बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल पर उठाए गए सवाल के बारे में। इस पर केंद्रीय मंत्री ने खास अंदाज में सलाह दी कि वे सीएम नीतीश कुमार से ही इस बारे में बात कर लें। किसी भी मामले में बढ़-चढ़कर बयान देनेवाले गिरिराज सिंह ने इस मुद्दे पर खुद को संयमित ही रखा। अपन जवाब संक्षिप्त रखा। इससे यह अंदाजा भी लगाया जा सकता है कि हाल में इन नेताओं के बयान आने के बाद गठबंधन को सुचारू ढंग से संचालित करने के लिए नेतृत्व की ओर से कुछ दिशा निर्देश जारी किए गए होंगे। इसलिए उन्होंने संभलकर जवाब देना ही उचित समझा।