पैट के रिजल्ट में बिहार विश्वविद्यालय प्रशासन लेगा विधिक सलाह Muzaffarpur News
विवादों में रहा विवि का पीएचडी एडमिशन टेस्ट दो हजार छात्रों ने दी थी परीक्षा। विवि ने एक माह में रिजल्ट जारी करने का दिया था आश्वासन विलंब होने का अंदेशा।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। बीआरए बिहार विश्वविद्यालय का पीएचडी एडमिशन टेस्ट (पैट) विवादों के घेरे में है। छात्र संगठनों ने परीक्षा कराने की प्रक्रिया को लेकर सवाल खड़े किए हैं। नए सिरे से परीक्षा कराने की मांग की है। वहीं, कुलपति ने विवाद देखते हुए विधिक सलाह लेने की घोषणा की है।
तीन बार हुई परीक्षा
विश्वविद्यालय ने पीएचडी एडमिशन टेस्ट तीन बार लिया। पहली बार 21 जुलाई 2019 को परीक्षा हुई थी। इसमें ओएमआर शीट उत्तर पुस्तिका में नहीं होने और अंग्रेजी में प्रश्न पूछे जाने का आरोप लगाकर छात्रों ने हंगामा व परीक्षा का बहिष्कार किया था। इससे विवि प्रशासन ने परीक्षा स्थगित कर दी थी। दोबारा 18 अगस्त को विवि ने तीन केंद्रों पर परीक्षा ली थी। इसमें एक केंद्र मोतिहारी एमएस कॉलेज था। इस केंद्र पर हंगामा व बहिष्कार किया गया था। लिहाजा, सिर्फ मोतिहारी केंद्र की परीक्षा स्थगित कर 25 अगस्त को हुई थी। तत्कालीन प्रभारी कुलपति डॉ. राजेश सिंह ने एक माह में रिजल्ट जारी करने की घोषणा की थी। मौजूदा स्थिति में रिजल्ट लंबित होने का अंदेशा है।
ये सवाल उठाए
- छात्र संगठन के नेताओं ने कहा कि परीक्षा संचालन में नियमों की अनदेखी की गई। इसे स्थगित करने की मांग की।
- पहली बार स्थगित परीक्षा में अनियमितता बरती गई। इसमें ओएमआर शीट का न होना व अंग्रेजी में प्रश्न पूछे जाना प्रमुख है।
- दूसरी बार परीक्षा बिना राजभवन की अनुमति के ली गई। इसमें 50 में 43 प्रश्न 21 जुलाई वाले पेपर के दोहरा दिए गए।
सवालों के जवाब विधिक सलाह में
छात्र संगठनों के सवालों के जवाब को लेकर विवि प्रशासन पशोपेश में है। छात्र नेता बसंत कुमार ने कहा कि अगर रिजल्ट जारी होगा तो वे हाईकोर्ट में वाद दाखिल करेंगे। इसलिए नए कुलपति रिजल्ट जारी करने के पूर्व पूरी परीक्षा प्रक्रिया को लेकर विधिक सलाह लेना चाहते हैं। कुलपति डॉ. आरके मंडल ने पूरे प्रकरण पर कानूनी राय लेने की घोषणा की है।