यूनिवर्सिटी को सैलरी लौटाने वाले बिहार के प्रोफेसर साहब फिर से मुश्किल में, उनकी ई-मेल से हंगामा
बिहार के मुजफ्फरपुर से जुड़ा है मामला। 15 सूत्री मांगों को लेकर डा.ललन के पत्र लिखने पर कालेज में बुलाई गई बैठक। सभी शिक्षक और कर्मचारियों ने एक स्वर में विश्वविद्यालय से की मांग डा.ललन का अविलंब यहां से किया जाए तबादला।
मुजफ्फरपुर, जागरण संवाददाता। नीतीश्वर महाविद्यालय के हिंदी के सहायक प्राध्यापक डा.ललन कुमार की ओर से कालेजों में 75 प्रतिशत उपस्थिति को सख्ती से लागू कराने समेत शैक्षणिक गुणवत्ता पर उठाए गए सवाल के बाद फिर से कालेज में हलचल हो रही है। कालेज प्रशासन ने विश्वविद्यालय को पत्र भेजकर डा.ललन के अविलंब तबादले की सिफारिश कर दी है। कालेज के शिक्षक से लेकर कर्मचारी तब सबने एक स्वर में कहा है कि डा.ललन की गतिविधि के कारण कालेज का माहौल खराब हो रहा है। गुरुवार को इसको लेकर बुलाई गई बैठक में सहमति बनने के बाद विश्वविद्यालय को यह पत्र भेजा गया है।
इधर, विश्वविद्यालय को पत्र भेजे जाने के बाद डा.ललन ने कहा है कि सबको सच सुनने से परहेज है। इस कारण उनके खिलाफ साजिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि 13 सितंबर को कुलसचिव को 15 सूत्री मांगों को लेकर ईमेल से पत्र भेजा। इस पत्र में उन्होंने द्वारा प्राचार्य लिखा था। इस पत्र के भेजे जाने के बाद 14 सितंबर को कालेज ने उनसे व्यक्तिगत तौर पर विश्वविद्यालय से पत्राचार करने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए स्पष्टीकरण पूछा। इसका उत्तर देने के लिए उन्हें 15 सितंबर को सुबह 11 बजे तक का समय दिया गया था। डा.ललन का कहना है कि यह पत्र उन्हें 14 सितंबर को दोपहर में मिला था। इस कारण उन्होंने 15 सितंबर को लिखित रूप में दिया कि इतने कम समय में इसका उत्तर नहीं दिया जा सकता।
उन्होंने इसके लिए पांच दिनों की मोहलत मांगी। इसके बाद 15 सितंबर को हुई बैठक में उन्होंंने कहा कि कालेज प्रबंधन ने उनसे कड़े लहजे में सवाल पूछा और इसका उत्तर देने पर उन्हें डांटा गया। डा.ललन ने कहा कि 15 जुलाई को कालेज प्रशासन ने पत्र जारी कर कहा था कि व्यक्तिगत तौर पर विश्वविद्यालय से पत्राचार नहीं करें। इसके बाद 15 सूत्री मांगाें को लेकर जब प्राचार्य से पत्र अग्रसारित करने को कहा तो उन्होंने मना कर दिया। इसके बाद उन्होंने ईमेल से उस पत्र को विश्वविद्यालय को भेजा। इधर, कालेज प्रशासन का कहना है कि बैठक में कालेज में बिगड़ रहे माहौल को देखते हुए शिक्षकों ने डा.ललन को समझाया। डांट-फटकार की बात गलत है।
शैक्षणिक गड़बड़ियों पर सवाल उठा रहे ललन
डा.ललन ने बीआरए बिहार विश्वविद्यालय में शैक्षणिक और प्रशासनिक व्यवस्था में कई प्रकार की गड़बड़ियों होने का आरोप लगाया। कहा कि इसे सुधारने के लिए कहीं अलग से लोग नहीं आएंगे। यहीं के लोगों को मिलकर व्यवस्था सुधारनी होगी। कहा कि उन्होंने समाज के जिम्मेवार नागरिक होने के कारण विश्वविद्यालय प्रशासन से सुधार की मांग की है। इसके लिए लोगों को नाराज नहीं होना चाहिए।