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Bihar News: पोस्ट कोविड के बाद युवाओं में बढ़ा हार्ट अटैक का खतरा, सतर्कता बरतने की जरूरत

Samastipur news रोजमर्रा की जिंदगी में बढ़ते तनाव और शारीरिक श्रम में कमी माना जा रहा मुख्य वजह। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार प्रत्येक महीने लगभग 100 मरीज से अधिक लोग हार्ट की जांच कराने आते हैं।

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Published: Wed, 05 Oct 2022 03:37 PM (IST)Updated: Wed, 05 Oct 2022 03:37 PM (IST)
Bihar News: पोस्ट कोविड के बाद युवाओं में बढ़ा हार्ट अटैक का खतरा, सतर्कता बरतने की जरूरत
हार्ट अटैक की आशंका होने पर तुरंत डॉक्‍टर से लें सुझाव। फोटो-जागरण

समस्तीपुर, जासं। कोविड-19 संक्रमण के बाद अब युवा वर्ग में हार्ट अटैक या स्ट्रोक का खतरा तेजी से बढ़ रहा है। जिले में भी ऐसी घटना सामने आ रही है। अब 50 वर्ष से कम आयु वाले जवान लोग भी हार्ट अटैक की चपेट में आ रहे हैं, जबकि, कोविड संक्रमण काल से पहले ऐसी घटना इक्के-दुक्के ही सामने आती थी। कोविड महामारी के दौरान रहन-सहन की बदली आदतों की वजह से लोगों में बड़े पैमाने पर ब्लड प्रेशर की समस्या बढ़ी है। ब्लड प्रेशर बढ़ने की वजह से हार्ट अटैक का खतरा भी बढ़ा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के अनुसार पिछले दो सालों में हार्ट की बीमारियों के मरीजों में करीब 15 फीसदी तक का इजाफा हुआ है। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार प्रत्येक महीने लगभग 100 मरीज से अधिक लोग हार्ट की जांच कराने आते हैं। साथ ही हर माह 30 से 35 बच्चे दिल में छेद की बीमारी का इलाज कराने अस्पताल आते हैं। जिले में एंजियोप्लास्टी और बाइपास सर्जरी की व्यवस्था नहीं है। इंडियन फाइनेंसियल कैपिटल मुंबई के सर्वे के अनुसार सिर्फ मुंबई में हार्ट अटैक का दर प्रतिमाह लगभग 3000 तक पहुंच गई है जबकि कोविड से पहले लगभग 500 व्यक्ति प्रति माह थी, जिससे स्पष्ट है कि खतरा छह गुणा अधिक बढ़ गया है।

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युवाओं में हृदय रोग की तेजी से बढ़ रही समस्याएं 

फिजिशियन डा. आरके सिंह ने बताया कि युवाओं में हृदय रोग की समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं। इसकी वजह उनकी जीवनशैली और खानपान है। समय के साथ दिल की बीमारी के रिस्क फैक्टर बदलने लगे हैं। पहले जहां दिल की बीमारी बुजुर्गों को होती थी, अब तेजी से युवा चपेट में आ रहे हैं। रोजमर्रा की जिंदगी में बढ़ते तनाव और शारीरिक श्रम में कमी दिल की बीमारी बढ़ना ही मुख्य वजह हैं। अगर युवा वर्ग आराम छोड़कर सिर्फ तेज चलने की आदत डाल लें तो हृदय राेगी की स्थिति में काफी हद तक सुधार हो सकता है। ऐसा करके मधुमेह, कोलेस्ट्राल, मोटापा, हाई ब्लड प्रेशर और स्ट्रोक की स्थिति को भी नियंत्रित किया जा सकता है।

प्रदूषण व मोटापा हार्ट अटैक का बड़ा कारण 

अब महिलाएं भी इस बीमारी से अछूती नहीं रहीं। महिलाओं में हार्ट अटैक की संख्या बढ़ रही है। इसका प्रमुख कारण मोटापा व प्रदूषण भी है।

क्या है कारण

- लाइफ स्टाइल में बदलाव।

- काम का दबाव।

- खान-पान में बदलाव।

- फास्ट फूड का बढ़ता प्रचलन।

- खून में अधिक कोलेस्ट्रॉल का होना।

- अल्कोहल, कोल्ड ड्रिंक, स्मोकिंग, अधिक भोजन करना और काम कम करना।

- डायबिटीज व हाई ब्लड प्रेशर।

कैसे करें बचाव

- भरपूर नींद लें, शारीरिक श्रम करें।

- फल सब्जियों का अधिक सेवन करें, जंक फूड नहीं खायें।

- धूम्रपान व शराब के सेवन से बचें, मानसिक तनाव से बचें।

- रक्तचाप, गुर्दा और मधुमेह की समय-समय पर जांच कराते रहें।


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