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कमाल है साहब, 15 मिनट की वाक और 10 हजार हो गए 40 हजार रुपये, बिहार के इस इलाके में तो 'चांदी ही चांदी' है

भारत और नेपाल के बार्डर पर स्थित बिहार के कुछ गांव के लोगों की तो वाकई चांदी ही चांदी है। वे 10 से 15 मिनट तक टहलते हुए आधा किमी की दूरी तय कर सीमा पार नेपाल में दाखिल हो जाते हैं।

By Ajit KumarEdited By: Published: Sun, 04 Sep 2022 09:36 AM (IST)Updated: Sun, 04 Sep 2022 09:36 AM (IST)
भारत-नेपाल के बीच खुली सीमा इनके लिए वरदान से कम नहीं है। फाइल फोटो

मधुबनी, जागरण संवाददाता। भारतीय बैंकों ने एफडी के ब्याज दर को कम करते-करते इसे पांच के भी नीचे पहुंचा दिया है। ऐसे में यदि कोई केवल 15 मिनट के अंदर रुपये को चार गुना कर देने की बात करे तो यकीन करना मुमकिन नहीं होता है, लेकिन भारत-नेपाल बार्डर के पास स्थित बिहार के गांवों में इन दिनों कुछ ऐसा ही हो रहा है। खासकर बिहार में शराबबंदी लागू होने के बाद से। इसने तो सीमावर्ती इलाके के कई लोगों को अमीर बना दिया है। उनकी तरक्की की रफ्तार देखकर अच्छे अच्छे कार्पोरेट्स भी दंग हैं।

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  • -रात में सक्रिय होते शराब तस्कर, नेपाल से लाकर चार गुना कीमत पर बेचते
  • -मधुबनी में 150 किमी लंबी खुली सीमा तस्करों के लिए अनुकूल
  • -पैदल 10 से 15 मिनट में पहुंच जाते नेपाल

मधुबनी जिले की बात करें तो यहां के लौकही प्रखंड के अंधरामठ थाना क्षेत्र से लेकर व लदनियां से मधवापुर तक करीब 150 किमी लंबी खुली सीमा नेपाल से लगती है। यह तस्करों के लिए अनुकूल है। राज्य में 2016 में शराबबंदी के बाद से शराब तस्करी बढ़ गई है। तस्कर खुली सीमा का लाभ उठाकर रात में आसानी से नेपाल से शराब लेकर भारत में घुस जाते हैं। अंधरामठ से मधवापुर तक का क्षेत्र तो शराब तस्करों का कारिडोर बन गया है। तस्कर इतने संगठित और आपराधिक प्रवृत्ति वाले हैं कि पुलिस से भी भिड़ जाते हैं। 29 अगस्त की रात शराब तस्करों द्वारा स्कार्पियो से एसएसबी जवान को कुचलने की घटना कुछ वैसी ही है।

नदी का खुल क्षेत्र सेफ जोन

अंधरामठ थाना क्षेत्र से लेकर मधवापुर के अलावा नेपाल से जिले में प्रवेश करती कोसी व कमला नदी का खुला क्षेत्र भी शराब तस्करी में संलिप्त लोगों का सेफ जोन है। लदनियां थाना क्षेत्र के लगदी मरनैया, महुलिया, दोनवारी, मोतनाजे, कटहा, झलैन, माखनटोल, पिपराही, इस्लामपुर गांव नेपाल सीमा से सटे हैं। इन गांव के लोगों को नेपाल में प्रवेश करने में पैदल 10 से 15 मिनट लगता है। शराब से लेकर अन्य वस्तुओं की तस्करी आसानी से होती है। 

गुंडा पंजी में 55 लोगों के नाम

लदनियां थाना क्षेत्र के शराब तस्करी सहित अन्य आपराधिक घटनाओं को लेकर गुंडा पंजी में 55 लोगों के नाम दर्ज हैं। जिसमें जोगिया सिमरा टोला के सबसे अधिक 12 हैं। एसएसबी जवान को कुचलने में आधा दर्जन से अधिक जिन आरोपितों के नाम सामने आए हैं, वे जोगिया सिमरा टोला के ही हैं। घटना के बाद इलाके को छोड़ दिया है। यहां से नेपाल की दूरी महज आधा किलोमीटर है। इस कारण यह इलाका तस्करी के लिए जाना जाता है।

20 की शराब 80 रुपये में बिकती

नेपाल से देसी शराब लाकर तस्कर चार गुना दाम पर बेचते हैं। वहां 300 एमएल की प्लास्टिक शीशी की शराब 20 रुपये में मिलती है। भारतीय क्षेत्र में 50 से लेकर 80 रुपये में बेची जाती है। नेपाली अंग्रेजी शराब भी दो से तीन गुना कीमत में बेचते हैं।

भारतीय क्षेत्र में विशेष गश्त

जिले के अंधरामठ, लौकही, लौकहा, लदनियां व जयनगर थाने के अलावा नरहिया व ललमनिया ओपी को दो-दो चारपहिया वाहन उपलब्ध कराए गए हैं। प्रत्येक थाना व ओपी में बिहार स्पेशल सशस्त्र बल के छह जवान, जिला सशस्त्र बल के पांच जवान तैनात किए गए हैं। इसके अलावा अंधरामठ से मधवापुर तक सीमा क्षेत्र में करीब 100 एसएसबी जवान लगाए गए हैं।

दो साल में 300 शराब तस्कर गिरफ्तार

लदनियां थाने में सितंबर 2020 से सितंबर 2022 तक दो साल में 245 शराब तस्करी के मामले दर्ज किए गए। करीब 300 लोगों की गिरफ्तारी हुई है। वहीं, जयनगर, अंधरामठ, मधवापुर, बेनीपट्टी सहित अन्य थानों में दो साल में शराब तस्करी के करीब 16 सौ से अधिक मामले दर्ज हैं। 


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