Bihar Crime: दरभंगा के नेत्र रोग विशेषज्ञ ने कीं आंखाेें की गुस्ताखियां, हुईं गालियों की बौछारें, बरसीं च्प्पलें
दरभंगा के सीएचसी रनवे केवटी के नेत्र सहायक पर एक नाबालिग ने गंदी हरकत करने और नौकरी देने के नाम पर साठ हजार रुपये ठगने का आरोप लगाया। ग्रामीणों के वहां जमा होने के बाद चप्पल से इनकी पिटाई के बाद पुलिस को सौंप दिया गया।
दरभंगा, जासं। जिले के केवटी प्रखंड अंतर्गत सामुदायिक चिकित्सा केंद्र (सीएचसी) रनवे में प्रतिनियुक्त नेत्र सहायक राजन कुमार पर नाबालिग से छेड़खानी व ठगी के आरोप लगे हैं। इस घटना के बाद कई ग्रामीण उसके निजी क्लीनिक पर पहुंचे और हंगामा शुरू कर दिया। इस बीच पीड़िता ने चप्पल से उसकी पिटाई कर दी। घटना की सूचना पुलिस को भी दी गई। सोमवार को सभी औपचारिकताओं को पूरा करवाने के बाद उसे जेल भेज दिया गया है।
पर्दा गिराया और गंदी हरकत करने लगा
आरोप है कि राजन कुमार सीएचसी की जगह अपना निजी काम अधिक करता है। यहीं पर इलाज के लिए आने- जाने के क्रम में एक लड़की से परिचय हो गया। उसे स्वास्थ्य विभाग में नौकरी दिलाने का झांसा दिया। इसके बाद साठ हजार रुपये ऐंठ लिए। अपने यहां काम पर भी रख लिया। तीन-चार माह गुजर जाने के बाद भी जब उसे नौकरी नहीं मिली तो दबाव बनाने लगी। इस बीच रविवार को नेत्र सहायक ने उस लड़की को ज्वाइनिंग लेटर लेने के लिए केंद्रीय विद्यालय, हवाई अड्डा के सामने अपने निजी क्लीनिक में बुलाया। वह अन्य दिनों की तरह वहां काम कर रही थी। उस समय वहां और कोई नहीं था। इसका फायदा उठाते हुए आरोपित ने क्लीनिक का पर्दा गिराया और नाबालिग के साथ गंदी हरकत करना शुरू कर दिया। उसके मना करने पर भी जब वह नहीं माना तो लड़की क्लीनिक से बाहर निकल गई। इसके बाद उसने शोर मचाना शुरू कर दिया।
चप्पल से भी पिटाई हुई
शोर सुनकर आसपास के लोगों की भीड़ मौके पर जमा हो गई। सभी हंगामा करने लगे। कुछ लोगों ने राजन को पकड़ लिया और उसकी धुनाई कर दी। चप्पल से भी पिटाई हुई। इस बीच पीडि़ता ने घटना की जानकारी अपने पिता को दी। घटना को गंभीरता से लेते हुए ग्रामीणों ने इसकी जानकारी केवटी पुलिस को भी दी। सूचना मिलने के साथ मौके पर पहुंचे थानाध्यक्ष शिव कुमार यादव ने अपनी पुलिस अभिरक्षा में ले लिया। बाद में पीड़िता के आवेदन पर उसके खिलाफ छेड़खानी और धोखाधड़ी का मामला दर्ज करते हुए उसे सोमवार को जेल भेज दिया गया। वहीं, नेत्र सहायक राजन ने स्वास्थ्य विभाग में नौकरी दिलाने के नाम पर तीस हजार रुपये लेने की बात को स्वीकार किया। लेकिन, छेडख़ानी की घटना से पूरी तरह इंकार कर दिया। कहा- यह आरोप बेबुनियाद है।
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