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सीएम नीतीश कुमार पहुंचे मुजफ्फरपुर, बोले-जीविका उद्यमियों को 15 लाख रुपये देगी सरकार

मुजफ्फरपुर के बेला औद्योगिक क्षेत्र में लेदर पार्क का अवलोकन करने के बाद जीविका दीदियों से रूबरू हुए सीएम। 40 उद्यमियों को एक-एक दी जाएगी यूनिट एक हजार रुपये प्रतिमाह लगने वाला किराया भी होगा माफ। एक यूनिट में 36 दीदियों को मिलेगा रोजगार।

By JagranEdited By: Ajit kumarPublished: Sat, 24 Sep 2022 01:49 PM (IST)Updated: Sat, 24 Sep 2022 03:48 PM (IST)
सीएम नीतीश कुमार ने लेदर पार्क में उत्‍पादों का अवलोकन क‍िया। फोटो: जागरण

मुजफ्फरपुर, जासं। जीविका दीदी अब उद्यमी बन गई हैं। इन्हें आगे बढ़ाने के लिए बिहार सरकार 15 लाख रुपये ऋण देगी। शनिवार को बेला औद्याेगिक क्षेत्र में लेदर पार्क का अवलोकन करने आए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यह बात कही। उन्होंने उद्यमियों को यूनिट के लिए प्रतिमाह लगने वाले एक हजार रुपये किराया भी माफ करने के निर्देश दिए।

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इससे पहले मुख्यमंत्री ने लेदर पार्क में बैग निर्माण की प्रक्रिया देखी। जीविका दीदियों को यहां मिलने वाले रोजगार को लेकर पदाधिकारियों से फीड बैक लिया। इसके बाद वे जीविका उद्यमियों से रूबरू हुए। यहां 40 उद्यमियों का चयन किया गया है। उद्यमियों ने बताया कि मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के तहत 10 लाख का ऋण दिया जा रहा है। शेड में काम शुरू करने के लिए 12 लाख रुपये मशीन में ही खर्च हो जाएंगे। मुख्यमंत्री ने ऋण की राशि पांच लाख बढ़ाने को कहा। इसके अलावा इसमें काम करने वाली दीदियों के बच्चों की पढ़ाई को लेकर यहां प्ले स्कूल खोलने को कहा। उन्होंने कहा, दीदी अपने साथ बच्चों को लेकर आएंगी। वह काम करेंगी और बच्चे प्ले स्कूल में पढ़ेंगे। मुख्यमंत्री के साथ उद्योग मंत्री समीर महासेठ, संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी, उद्योग विभाग के प्रधान सचिव संदीप पौंड्रिक समेत विभाग के पदाधिकारी थे।

रोजगार के बढ़ेंगे अवसर 

बेला स्थित लेदर क्लस्टर यूनिट की जीविका दीदी मालिक बनेंगी। पहले चरण में करीब 1500 दीदियों को रोजगार मिलेगा। उसके बाद यह दायरा बढे़गा। समस्तीपुर से आई जीविका उद्यमी रूचि चौधरी ने कहा कि एक यूनिट में 36 दीदियों को काम मिलेगा। प्रशिक्षण प्राप्त दीदियां मशीन पर रहेंगी। दो मशीन पर मदद के लिए एक सहयोगी दीदी रहेगी। इस तरह एक यूनिट में 24 मशीनें लगेंगी। एक मशीन से 16 बैग तैयार हो सकेगा। इस तरह प्रति यूनिट 384 बैग एक दिन में बनेंगे।एक बैग के लिए 25 रुपये दीदी को दिए जाएंगे। इस तरह 400 रुपये एक दीदी प्रतिदिन कमा सकेगी। वहीं सहायता करने वाली दीदी को आठ रुपये प्रति बैग मिलेगा। 32 बैक के उन्हें भी 256 रुपये प्रतिदिन मिलेंगे।


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