भोजपुरी गायिका देवी ने ब्राजील के ब्वाॅयफ्रेंड से Relationship को लेकर कही ये बात, जानिए...
समस्तीपुर में आयोजित राजकीय महोत्सव में प्रस्तुति देने पहुंची गायिका देवी। इस बीच उन्होंने दैनिक जागरण से की खास बातचीत। अपने और ब्राजील के फैब से रिलेशन को लेकर कही ये बातें!
समस्तीपुर [अंगद कुमार सिंह]। दलसिंहसराय अनुमंडल के विद्यापति राजकीय महोत्सव में अपनी प्रस्तुति देने के लिए दलसिंहसराय पहुंची देवी ने कहा मिथिला और विद्यापति को मैं नमन करती हूं। आज मैं भिखारी ठाकुर और विद्यापति जी के गीतों को गाकर इस मुकाम पर पहुंची हूं। उन्होंने यह बातें दैनिक जागरण से बातचीत में कही। उन्होंने कहा कि आज वह इसलिए संगीत के क्षेत्र में कुछ कर पायी, क्योंकि परिवार ने उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया।
अपनी इस सफलतम मुकाम को लेकर उन्होंने ने कहा कोई भी मुकाम यूं ही नहीं मिल जाते है। मुझे पहली कक्षा से ही संगीत में रूची थी। जब मुझे स्कूल के कार्यक्रम में गाने का मौका मिला। मेरी आवाज को वहीं से पहचान मिली। मेरे पिता ने मुझे खेल कूद के अलावे गीत संगीत के प्रति जागरूक करने का काम किया। उन्होंने बताया भिखारी ठाकुर और विद्यापति मेरे प्रेरणा स्रोत हैं।
समय के साथ चल रही हूं ,पर परंपरा नहीं छोड़ी
देवी कहती है कि आज मैं समय के साथ आधुनिक गीतों को भी गाती हूं, पर परंपरागत लोक गीतों को साथ लेकर चल रही हूं। क्योंकि परंपरागत लोक गीतों में जो बात है वह आधुनिकता वादी गीतों में नहीं। उन्होंने कहा मैंने हाल ही में विद्यापति के गीतों को रिकॉर्ड किया है । परंपरागत विवाह गीत से लेकर भिखारी ठाकुर और महेंद्र मिसिर के गीतों को गाया है। देवी ने बताया कि वो महिलाओं तक इन्हीं गीतों की वजह से पहुंच पायी।
मेरी दोस्ती अच्छी रही तो शादी करूंगी
पिछले कुछ महीनों से देवी की शादी को लेकर सोशल साइट पर वायरल हो रही खबरों पर देवी ने कहा यह महज एक अपवाह है उससे ज्यादा कुछ नहीं। ब्राजील के फैब मेरे एक अच्छे दोस्त है। दोस्ती से ज्यादा अभी कुछ नहीं है। दोस्ती अगर आगे भी अच्छी रही तो मैं शादी के बारे में सोच सकती हूं।
राजनीति में जाने की कोई इच्छा नहीं
देवी ने बताया कि आज के कलाकार जो फेमस हो जाते हैं राजनीतिक पार्टी से जुड़ जाते है ये सोचकर कि उन्हें अब सब जान रहे है लेकिन यही सबसे बड़ी भूल है। बताया कि कला की अलग पहचान होती है। इस पहचान के बल पर राजनीति नहीं की जा सकती है। गीत संगीत के माध्यम से भी समाज की सेवा की जा सकती है। और मैं अपनी गीत के माध्यम से ही समाज को उंचाई देने का प्रयास करती हूं और आगे भी करूंगी।