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SKMCH : बिस्तर हमेशा रहते फुल, मरीजों के लिए फर्श पर जगह मिलनी भी होती मुश्किल

एसकेएमसीएच के स्त्री व प्रसव विभाग के मेटरनिटी वार्ड का हाल बदतर। 25 बिस्तरों की क्षमता वाले वार्ड में अक्सर भर्ती रहते तकरीबन 150 मरीज।

By Ajit KumarEdited By: Published: Sun, 12 Jan 2020 02:19 PM (IST)Updated: Sun, 12 Jan 2020 02:19 PM (IST)
SKMCH : बिस्तर हमेशा रहते फुल, मरीजों के लिए फर्श पर जगह मिलनी भी होती मुश्किल
SKMCH : बिस्तर हमेशा रहते फुल, मरीजों के लिए फर्श पर जगह मिलनी भी होती मुश्किल

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। उत्तर बिहार के सबसे बड़े अस्पताल एसकेएमसीएच के स्त्री व प्रसव विभाग का मेटरनिटी वार्ड बदहाल है। 25 बिस्तरों की क्षमता वाले इस वार्ड में अक्सर तकरीबन 150 मरीज भर्ती रहते हैं। इससे बिस्तर की बात तो दूर फर्श पर भी जगह मिलनी मुश्किल रहती है। समुचित सफाई के अभाव में गर्भवतियों, प्रसूताओं, नवजातों को संक्रमण का खतरा रहता है। यहां शौचालय जर्जर हाल में है। पीने के पानी के लिए भी भटकना पड़ता है। यहां प्रतिदिन औसतन तीन दर्जन महिलाओं का प्रसव कराया जाता है।

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  इससे 25 बेड की क्षमता वाले मेटरनेटी वार्ड से बरामदा तक भरा रहता है। वहीं 36 बिस्तरों की क्षमता वाले महिला सामान्य वार्ड 10 एवं 11 में अक्सर 70 से 80 मरीज भर्ती रहते हैं। इसी तरह स्त्री रोग वाह्य विभाग में प्रतिदिन 200 से 300 मरीज इलाज को पहुंचते हैं।

 बढ़ी भीड़ के कारण अक्सर हंगामा की नौबत यहां आती रहती है। एसकेएमसीएच के अधीक्षक डॉ. एसके शाही ने कहा कि मदर एंड चाइल्ड वार्ड का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। हालांकि कुछ कमियों के कारण इसका संचालन नहीं हो सका है। इस माह के अंत तक इस वार्ड की कमियों के पूरा होने के साथ यहां की समस्याओं से निजात मिल जाएगी। 


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