मैसेज आए तो रहें सावधान, एनी डेस्क एप से मुजफ्फरपुर में बीएलओ के खाते में सेंधमारी कर रहे साइबर अपराधी
Muzaffarpur Crime इंटरनेट मीडिया के जरिये एनी डेस्क मोबाइल ऐप का लिंक फारवर्ड होकर आए तो उसपर क्लिक करने से बचें। बैंक खाता खाली करने को साइबर शातिर इस एप का कर रहे इस्तेमाल। सकरा के बीएलओ के साथ घटना के बाद निर्वाचन कार्यालय अलर्ट।
मुजफ्फरपुर, जासं। बीएलओ राजेश कुमार बोल रहे हैं। यह बताइए आपके बूथ पर कितने वोटर हैं। इनमें मेल और फीमेल कितने हैं। सर, मेरे बूथ पर 863 वोटर हैं। ठीक है। यह वेरीफाइ करना है कि गरुड़ एप ठीक से काम कर रहा है या नहीं। शिकायत मिली थी कि यह ठीक से काम नहीं कर रहा। इसके लिए साफ्टवेयर के वर्जन को अपडेट करना होगा। इसे इंस्टाल करने के लिए मोबाइल में कैपिटल में बीएलओ के बाद स्पेश देकर एएनवाई डीईएसके (ऐनी डेस्क) टाइप कीजिए। रेड लाइन आया। अब इंस्टाल कीजिए। 15 एमबी का है। ये बातें साइबर फ्राड और सकरा के एक बीएलओ के बीच की हैं। बीएलओ ने ऐनी डेस्क जैसे ही इंस्टाल किया उसके खाते से राशि की निकासी हो गई। बीएलओ ने मामले की प्राथमिकी थाने में दर्ज कराई है।
शक होने पर कहा, छोटे काम के लिए दफ्तर क्या आना
बीएलओ को 8969353895 से मोबाइल पर फोन आया। ऐनी डेस्क इंस्टाल करने से पहले बीएलओ ने साइबर फ्राड से जब पूछा तो उसने जवाब दिया, मैं जिला निर्वाचन कार्यालय से अमित कुमार बोल रहा हूं। डाटा आपरेटर हूं। उसके यह कहने पर बीएलओ ने कहा, मैं कार्यालय आ जाऊं। पास में ही हूं। इसपर फ्राड ने छोटे-छोटे काम के लिए कार्यालय आने से मना किया। बीच-बीच में साफ्टवेयर इंस्टाल होने की जानकारी भी लेता रहा। नेट की धीमी गति को देखते हुए उसने दूसरा मोबाइल नंबर मांगा। कहा, जिस नंबर पर नेट होता उससे बात करने पर यह धीमा काम करता है। इसके बाद बीएलओ ने अपना दूसरा नंबर लिखाया। साइबर फ्राड ने दूसरे नंबर पर फोन कर बीएलओ के इंटरनेट वाले मोबाइल को हैक कर लिया।
जानकारी साझा नहीं करें बीएलओ
वहीं इस मामले को जिला निर्वाचन कार्यालय ने भी गंभीरता से लिया है। जिला उपनिर्वाचन पदाधिकारी संजय कुमार मिश्रा ने सभी निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी एवं बीडीओ को निर्देश जारी किया है। इसमेें कहा गया है कि तत्काल अपने विधानसभा क्षेत्र में बीएलओ को जागरूक करें। साइबर फ्राड से बचने के लिए किसी प्रकार का खाता, आधार संख्या ओटीपी एवं एप के माध्यम से जानकारी किसी व्यक्ति को नहीं दें। मतदाता सूची से संबंधित कार्य के लिए बीएलओ गरुड़ को छोड़कर अन्य कोई एप डाउनलोड नहीं करें। अगर बीएलओ के मोबाइल को हैक कर खाते से राशि उड़ाने का मामला सामने आता है तो उसकी सूचना तत्काल निर्वाचन कार्यालय को दें।