औषधीय पौधों की खेती से बनाई पहचान, कैंसर मरीजों का करते निश्शुल्क इलाज
2012 से एलोवेरा, आंवला और तुलसी सहित अन्य की खेती कर रहे डॉ. अशोक प्रसाद। उनसे प्रेरित कुछ किसानों ने शुरू की औषधीय खेती।
मधुबनी, [सुनील कुमार मिश्र]। औषधीय पौधों की खेती और कैंसर मरीजों के निश्शुल्क इलाज से आयुर्वेद चिकित्सक डॉ. अशोक प्रसाद ने क्षेत्र में काफी पहचान बनाई है। वे आयुर्वेद के माध्यम से कई असाध्य रोगों का इलाज करते हैं। गरीबों की मदद को तैयार रहते हैं। औषधीय पौधों की खेती ने उनकी आर्थिक स्थिति काफी मजबूत की है। सालाना लाखों की आमदनी कर रहे। कई किसान प्रेरित हो ऐसी खेती की ओर रुख कर रहे।
जयनगर नगर पंचायत निवासी आयुर्वेद चिकित्सक डॉ. अशोक प्रसाद न केवल असाध्य रोगों का इलाज करते हैं, बल्कि औषधीय पौधों की खेती कर सीमावर्ती क्षेत्रों के लोगों के लिए प्रेरणास्रोत बने हैं। पहले वे बाहर से सामान लाकर आयुर्वेदिक दवाएं बनाते थे। इसके बाद वर्ष 2012 में औषधीय पौधों की खेती कुछ कट्ठा जमीन पर शुरू की।
अभी अनुमंडल मुख्यालय से सटे अकौन्हा और वेला गांव में साढ़े सात एकड़ जमीन लीज पर ली है। इसमें एलोवेरा, आंवला और तुलसी समेत अन्य औषधीय पौधे लहलहा रहे हैं। उन्होंने एलोवेरा का जूस निकालने समेत अन्य आयुर्वेदिक दवा बनाने के लिए प्लांट भी लगा रखा है।
नेपाल से भी पहुंचते मरीज
डॉ. अशोक कैंसर मरीजों का निश्शुल्क इलाज करते हैं। इनके यहां नेपाल से भी रोगी पहुंचते हैं। वे पीलिया, हेपेटाइटिस, लिकोरिया और चर्म रोग समेत अन्य असाध्य रोगों का भी इलाज करते हैं। उनके काम में परिवार के अन्य सदस्य भी मदद करते हैं। वे कहते हैं, कैंसर मरीजों की सेवा से आत्मिक सुख मिलता है।
इनसे प्रेरित होकर वहीं के कलाम सहित अन्य ने भी परंपरागत फसलों से नाता तोड़ा है। वे एलोवेरा की खेती कर आर्थिक रूप से मजबूत हो रहे हैं। कलाम अभी सात कट्ठे में खेती करते हैं। कहते हैं, गेहूं, धान की जगह इस तरह की व्यावसायिक खेती लाभदायक है।
अनुमंडल पदाधिकारी शंकर शरण ओमी कहते हैं, इस तरह की खेती से ही किसानों में समृद्धि आएगी। वे जिला पदाधिकारी व कृषि विभाग से पत्राचार कर हर संभव आर्थिक सहायता प्रदान करने का प्रयास करेंगे।