Coronavirus News Update : सावधान! यदि आप भी तंबाकू, गुटखा व पान मसाला खाने के शौकीन हैं तो इससे फैल सकता है कोरोनावायरस संक्रमण
Coronavirus News Update पान गुटखा या किसी प्रकार के मसाला खाना और खाकर थूकना है घातक। इनमें कोई कोरोना संक्रमित हुआ तो आसानी से चेन बन सकती है। लोग तंबाकू गुटखा और पान मसाला आदि खाकर इधर-उधर थूकते हैं।
समस्तीपुर, जेएनएन। पान, गुटखा, तंबाकू जैसी कई आदतें हैं जो कोरोना संक्रमण की बड़ी वजह हो सकती हैं। तंबाकू एक हाथ से होकर कई लोगों के हाथों से मुंह तक पहुंचती है। पान और गुटखा का भी यही हाल है, लेकिन सेवन करने वाले लोग न सचेत होते, न ही चेतते। ग्रामीण इलाकों से लेकर शहर तक में ऐसी आदतें देखी जाती हैं। ग्रामीण मंडली में तो तंबाकू का खूब आदान-प्रदान होता है। कई बार तो एक-दूसरे से लेकर बीड़ी-सिगरेट तक पीते हैं। अगर, इनमें कोई कोरोना संक्रमित हुआ तो आसानी से चेन बन सकती है। लोग तंबाकू, गुटखा और पान मसाला आदि खाकर इधर-उधर थूकते हैं। इससे गंदगी फैलने के साथ कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा भी बढ़ गया है।
तंबाकू सेवन से होने वाले रोग
तंबाकू के सेवन से मुंह, गला, फेफड़े, कंठ खाद्य नली, मूत्राशय, गुर्दा, पैनक्रियाज, सेरेविक्स कैंसर हो सकते है। हृदय व रक्त संबंधी रोग तेजी से बढ़ते हैं। पुरुषों में नपुंसकता, महिलाओं में जनन क्षमता में कमी व अन्य प्रजनन समस्याएं होती हैं। सांस में बदबू, मुंह-आंखों के आसपास झुर्रियां आ जाती है। धूम्रपान करने वालों के आसपास रहने वालों में रोग की आशंका बढ़ जाती है।तंबाकू छोडऩे में उपयोगी टिप्सअपने आसपास से तंबाकू की सभी चीजें हटा दें। एक दिन तय कर उस दिन बिल्कुल तंबाकू सेवन न करें। तलब लगे तो उसे थोड़ी देर के लिए भुला दें। धीरे-धीरे घूंट लेकर पानी पिएं, गहरी सांस लें व ध्यान हटाने के लिए दूसरा कार्य करें। सामान्य दिनचर्या बदलें, सुबह टहलने जाएं। तंबाकू की तलब घटाने को सौंप, मिश्री, लौंग या दालचीनी का प्रयोग करें। ऐसे दोस्तों के साथ रहें जो तंबाकू सेवन से दूर रहने को प्रेरित करें।
मुंह के कैंसर की तुरंत पहचान को हर छह माह में मिलें दंत चिकित्सक से
डॉ. कल्पना ठाकुर के अनुसार जो लोग किसी भी रूप में कम या ज्यादा चबाने या दबाने वाली तंबाकू का सेवन कर रहे हैं, वे आवश्यक रूप से हर छह माह में दंत चिकित्सक से जांच जरूर करवाते रहें। तंबाकू सेवन के दुष्प्रभाव सबसे पहले मुंह के अंदर प्रकट होते हैं, जिन्हें दंत चिकित्सक ही पकड़ सकता है। यदि मुंह के कैंसर को पहले चरण में पकड़ लिया गया तो 80 प्रतिशत, दूसरी स्टेज में 70 प्रतिशत, तीसरे चरण में 50 तथा चौथे चरण में 40 प्रतिशत तक जान बचने की संभावना होती है। इसके अलावा तंबाकू सेवन से लार कम बनती है तथा मसूड़े क्षतिग्रस्त हो जाते हैं। दांत काले होने के साथ टूटने की आशंका बढ़ जाती है। सांस से बैक्टीरिया व वायरस मुंह से अंदर जा कर गंभीर रोगों को जन्म देते हैं।
तंबाकू के सेवन से घटती है रोग प्रतिरोधक क्षमता
तंबाकू यूं तो हमेशा से ही घातक और जानलेवा रही है, लेकिन कोरोना में यह दोहरी मार करती है। संक्रमण फैलाने के साथ ही संक्रमित को जल्द वेंटीलेटर तक पहुंचा देती है। तंबाकू खाकर थूकने से संक्रमण फैलता है और तंबाकू खाने से व्यक्ति जल्द इसकी चपेट में आ जाता है। गुटखा-सिगरेट से दमा, डायबिटीज, कैंसर और गुर्दा संबंधी रोग होते हैं। इन बीमारियों से पीडि़त मरीजों के कोरोना संक्रमित होने की संख्या अधिक मिल रही है। कोरोना इन बीमारियों की तीव्रता को भी बढ़ा देता है। इनका सेवन करने वालों की रोग प्रतिरोधक भी घट जाती है।